Basant Panchami 2023 : बसंत पंचमी पर बन रहे ये दुर्लभ योग, जानिए इस दिन क्या करें क्या ना करें

Basant Panchami 2023 : बसंत पंचमी पर बन रहे ये दुर्लभ योग, जानिए इस दिन क्या करें क्या ना करें

Basant Panchami 2023 : 26 जनवरी को देशभर में गणतंत्र दिवस के साथ बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्माजी के मुख ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। साथ ही सृष्टि को ध्वनि का उपहार भी इसी दिन प्राप्त हुआ था। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है और सफल एवं समृद्धि वर्ष के लिए प्रार्थना की जाती है। इस शुभ दिन चार ऐसे दुर्लभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है और इन शुभ योग माता सरस्वती की पूजा करने वालों को सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति भी होगी। 

बसंत पंचमी पर शिव योग के साथ रवि योग
बसंत पंचमी के दिन शिव और रवि नामक योग बन रहा है। इन शुभ योग में माता सरस्वती की आराधना करने से पूजा फलदायी साबित होती है और शिक्षा, यश और ज्ञान में भी वृद्धि होती है। साथ ही इन योग के दौरान किए गए कार्यों में पूर्ण सफलता और शुभ फलों की प्राप्त होती है। शिव योग सुबह 3 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 29 मिनट पर रहेगा। वहीं रवि योग शाम 6 बजकर 57 मिनट से अगले दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

बसंत पंचमी पर सिद्धि योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग योग
बसंत पंचमी के दिन रवि, शिव योग के साथ सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। ये योग किसी भी नकारात्मक योग के प्रभाव को नष्ट कर देते हैं और इन योग में किए गए किसी भी कार्य का लाभदायक और शुभ परिणाम मिलता है। जैसा कि इनके नाम से पता चल रहा है, यह योग सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है। इन शुभ योग में सरस्वती पूजा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में मंगल ही मंगल बना रहता है। ये योग सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। सिद्ध योग का आरंभ शिव योग के समापन के बाद से ही शुरू हो जाएगा, जो अगले दिन सुबह तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 6 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा, जो अगली सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

बसंत पंचमी पर करें ये काम
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन शुभ योग सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनकर माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करें। साथ ही माता सरस्वती को बेसन के लड्डू, सोन पापड़ी आदि चीजें भोग के रूप में अर्पित करें। बसंत पंचमी के दिन आम का बौर और चमेली के फूल चढ़ाने की परंपरा रही है। साथ ही माता को पीले रंग के फूल ही अर्पित करें। छात्र बसंत पंचमी के दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को कॉपी, किताब आदि शिक्षा से संबंधित चीजें दान करें। कला से जुड़े लोग अपने क्षेत्र के उपकरण की बसंत पंचमी के दिन पूजा करें।

बसंत पंचमी के दिन क्या ना करें
बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी लाल, नीले या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों नहीं काटने चाहिए क्योंकि इस दिन से बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। साथ ही गरीब व जरूरतमंद लोगों का निरादर नहीं करना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, इस वजह से तामसिक भोजन, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। यह दिन माता सरस्वती को समर्पित है इसलिए इस दिन मन में नकारात्मक विचार नहीं आने देना चाहिए।

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