जम्मू-कश्मीर: 13 विभिन्न शिल्पों के क्यूआर-कोड लॉन्च

जम्मू-कश्मीर: 13 विभिन्न शिल्पों के क्यूआर-कोड लॉन्च

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को राजभवन में जम्मू-कश्मीर के 13 विभिन्न जीआई और गैर-जीआई पंजीकृत शिल्पों के क्यूआर-कोड आधारित लेबल लॉन्च किए।

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कारीगर समुदाय, हस्तशिल्प विभाग और अन्य हितधारकों को बधाई देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि क्यूआर-कोड लेबल शिल्प की उत्पत्ति और गुणवत्ता को प्रमाणित करने में मदद करेंगे, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में गुणवत्ता आश्वासन में सुधार करेंगे तथा शिल्पकारों, व्यापारियों और निर्यातकों को लाभान्वित करेंगे।

उन्होंने कहा,“यह जम्मू-कश्मीर यूटी की अमूल्य कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। क्यूआर-कोड आधारित तंत्र उत्पाद की गुणवत्ता, वास्तविकता सुनिश्चित करने और जम्मू-कश्मीर के हस्तनिर्मित उत्पादों की वैश्विक मांग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।”

उपराज्यपाल ने ब्रांड पोजिशनिंग के लिए आवश्यक हस्तक्षेप करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, जीआई टैग, क्यूआर कोड आधारित लेबल, पैकेजिंग आदि हस्तशिल्प क्षेत्र को अधिक उत्पादक, वित्तीय रूप से आकर्षक बनाएंगे और हस्तशिल्प उद्योग के विकास तथा कारीगरों की कमाई में योगदान देंगे।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कारीगरों और बुनकर समुदायों को अधिक आर्थिक लाभ के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के दृष्टिकोण और चल रहे प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एकीकृत विकास और निर्यात प्रोत्साहन के माध्यम से हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

हम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिन्हा ने खरीदारों और कारीगरों को जोड़ने के लिए उत्पाद विविधीकरण, ब्रांड प्रचार और विपणन रणनीति के लिए हस्तशिल्प विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने हितधारकों के नियमित परामर्श, नियमित क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित करने और विभिन्न प्लेटफार्मों पर स्वयं सहायता समूहों और कारीगरों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।

इस अवसर पर उत्पादों की क्यूआर कोड स्कैनिंग का लाइव प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। स्थानीय शिल्प की विशेषता वाले जी20 के स्मृति चिन्ह भी उपराज्यपाल को भेंट किए गए। जिन उत्पादों के लिए क्यूआर-कोड आधारित लेबल आज लॉन्च किए गए हैं, वे हैं कश्मीर पश्मीना, कश्मीर सोजनी, कानी शॉल, पेपर माची, खाटमबंद, कश्मीर वॉलनट वुड कार्विंग (जीआई पंजीकृत शिल्प), और नमदाह, क्रूवेल, चेन-स्टिच, सिल्वरवेयर, फिलीग्री, कॉपरवेयर और विलो विकर (गैर-जीआई शिल्प)। विभाग द्वारा यह बताया गया कि आज के लॉन्च के साथ, जम्मू-कश्मीर अपने सभी शिल्पों के लिए क्यूआर (त्वरित प्रतिक्रिया) आधारित लेबल जारी करने वाला देश का पहला क्षेत्र बन गया है।

दस अन्य शिल्पों के लिए जीआई पंजीकरण कराने की प्रक्रिया चल रही है। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ अरुण कुमार मेहता, उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत गोयल, एचओडी, वरिष्ठ अधिकारी और कारीगर भी उपस्थित थे।

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