मुरादाबाद : छमाही गोल, वार्षिक परीक्षा की तारीख का भी अब तक नहीं है ठिकाना

पढ़े चलो, बढ़े चलो पर सवाल: पूरे साल केवल मंडलायुक्त की कराई बौद्धिक परीक्षा से ही हुआ मूल्यांकन

मुरादाबाद : छमाही गोल, वार्षिक परीक्षा की तारीख का भी अब तक नहीं है ठिकाना

मुरादाबाद, अमृत विचार।  पहले सर्व शिक्षा और अब समग्र शिक्षा अभियान के नारे बढ़े चलो, बढ़े चलो, सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा आदि संकल्पों को साकार करने का प्रयास भले ही करने का दावा हो रहा है लेकिन हकीकत इससे परे है। बेसिक शिक्षा परिषद के जिले में 1408 विद्यालयों में पढ़ने वाले 2.19 लाख बच्चों के भविष्य को संवारने के ठोस प्रयास कहीं सार्थक होते नहीं दिख रहे हैं। खुद जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के निरीक्षण और समीक्षा बैठक में पोल खुल रही है। स्थिति यह है कि पढ़ाई तो ठीक से हुई नहीं, इस साल परीक्षा पर भी ग्रहण है। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की छमाही परीक्षा नहीं हुई, ऊपर से सालाना की तारीख का भी पता नहीं है।

  • तीसरी कक्षा के छात्रों के पुस्तक न पढ़ पाने से नाराज मंडलायुक्त ने कराई थी पूरे मंडल में परीक्षा
  • दोबारा फिर बौद्धिक परीक्षा कराने की चल रही चर्चा
  • 2.19 लाख बच्चों के भविष्य के खिलवाड़

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के प्रयास गंभीर नहीं हैं। इसकी कलई और ठीक तरह से तब खुली जब कुछ महीने पहले पंचायत भवन सभागार में निपुण भारत मिशन की मंडल स्तरीय कार्यशाला में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय से विशेषज्ञों ने मंच से डेटा विश्लेषण कर बताया कि प्रदेश में तीसरी कक्षा तक के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राएं अपनी पुस्तक के पैराग्राफ भी नहीं पढ़ पा रहे हैं।

इसके बाद गंभीर होते हुए मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली को निशाने पर रखकर उन्हें आईना दिखाया। सिर्फ स्कूल के समय में अपना फर्ज पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाने की सीख दी। उन्होंने शैक्षिक स्तर के मूल्यांकन के लिए मंडल के पांचों जिलों में बौद्धिक मूल्यांकन परीक्षा कराई तो पोल और खुली।

स्थिति यह है कि पूरे साल यह बच्चे किताब और ड्रेस के लिए राह देखते रहे। अभी भी दूसरे चरण के बच्चों को यूनिफार्म भी नहीं मिला है तो वर्कबुक आदि अभी चंद दिन पहले आए हैं। पुरानी किताबों से जैसे तैसे पढ़ाई हुई तो छमाही परीक्षा भी शिक्षाधिकारी नहीं करा पाए।

अब फरवरी का पहला सप्ताह बीतने को है लेकिन वार्षिक परीक्षा की तारीख का अता-पता नहीं है। यह परीक्षा भी कराई जाएगी कि नहीं इसको लेकर भी ऊहापोह है। विभाग में चर्चा है कि फरवरी के अंत में शायद बौद्धिक परीक्षा विभाग स्तर से होकर सत्र का समापन हो जाए। क्योंकि यदि मार्च में परीक्षा नहीं हुई तो अप्रैल में निकाय चुनाव कराने होने पर यह खटाई में ही रहेगा।

बेसिक शिक्षा विभाग एक नजर में
परिषदीय प्राथमिक विद्यालय           - 884
परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय    -232
कंपोजिट विद्यालय                         -292
योग                                            -1408

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