बरेली: मीरगंज में रामगंगा से बालू खनन के पट्टे को शासन ने दी स्वीकृति

गौतारा के पास नदी के 7700 हेक्टेयर एरिया में बालू खनन कराने को निविदा प्रक्रिया शुरु

बरेली: मीरगंज में रामगंगा से बालू खनन के पट्टे को शासन ने दी स्वीकृति

बरेली, अमृत विचार : जिले में एक और खनन पट्टे को शासन ने स्वीकृति दी है। अब मीरगंज तहसील के गौतारा के पास रामगंगा नदी में बालू खनन करने की अनुमति मिली है। जिले में अब मीरगंज और बहेड़ी तहसीलों में तीन खनन पट्टों में खनन होगा। गौतारा के पास नदी के चार गाटा संख्याओं में करीब 7.700 हेक्टेयर एरिया में बालू खनन किया जा सकेगा।

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राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश उपखनिज परिहार (47 वां संशोधन) नियमावली 2019 के अनुक्रम में इस खनन के पट्टे को स्वीकृति दी है। साथ ही रॉयल्टी दर 55 रुपये प्रति घनमीटर निर्धारित की है। शासन ने पहले साल के लिए उप खनिज का भंडार करने का आकलन करते हुए 115500 घनमीटर तय किया है। शासन का पत्र मिलने के बाद डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने खनन पट्टे की नीलामी प्रक्रिया शुरू करा दी है। ई-निविदा के तहत 13 से 16 फरवरी तक आवेदन मांगे हैं।

सर्वेयर को बुलाकर तलाशी थीं संभावनाएं : तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त मनोज कुमार पांडेय और तत्कालीन जिला खनन अधिकारी कमल कश्यप ने 2020 में सभी तहसीलों में संभावित खंडों में खनन शुरू कराने के लिए शासन से सर्वेयर को बुलाकर संभावनाएं तलाशी थीं। बहेड़ी, मीरगंज और सदर तहसील में टीम ने राजस्व कर्मियों के साथ खनन वाले खंडों का चयन भी किया था। तब दो खनन पट्टों को शुरू कराने के लिए शासन को रिपोर्ट भी भेजी थी।

किच्छा नदी में दो पट्टों में कराया जाता है खनन: वर्तमान में बहेड़ी तहसील के मोहम्मदपुर और टियूला गांव से गुजरने वाली किच्छा नदी के किनारे दो पट्टों में खनन कराया जा रहा है। ये पट्टे पांच-पांच साल के लिए आवंटित किए गए हैं। तीन साल पहले पट्टे आवंटित हुए थे। कुछ साल पट्टों की आड़ में यहां अवैध खनन कराया गया। इसकी गूंज शासन तक पहुंची थी। लखनऊ से आई खनन विभाग की टीम ने निरीक्षण में अवैध खनन पकड़ा, तब खनन पर रोक लगाने के साथ पट्टाधारकों पर जुर्माना भी पड़ा था।

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