ISRO के सबसे छोटे SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग, आजादी सैट-2 समेत 3 सैटेलाइट्स लेकर भरी उड़ान

Amrit Vichar Network
Published By Himanshu Bhakuni
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श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO अपने नए स्मॉल सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल SSLV-D2 की लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र से की हुई। SSLV-D2 मिशन तीन पेलोड के साथ लॉन्च किया गया। इस सैटेलाइट को 10 किलो से लेकर 500 किलो तक वजन ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। SSLV-D2 पृथ्वी की निचली कक्षा में 15 मिनट तक उड़ान भरेगा, जहां यह सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में तैनात करेगा।

 

आज तड़के दो बजकर 48 मिनट पर शुरू हुई साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद एसएसएलवी-डी2 को फस्ट लॉन्च पैड से नौ बजकर 18 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। आज सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी2) के दूसरे संस्करण की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग कर दी है। इसरो ने बताया कि नया रॉकेट अपनी 15 मिनट की उड़ान के दौरान तीन उपग्रहों - ईओएस-07, अंतरिस जानूस-1 और स्पेसकिड्ज के अाजादीएसएटी-2 को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित करके अपना मिशन पूरा करेगा। 

इसरो ने बताया कि एलवी डी2 ने तीनों उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया। साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद 34 मीटर लंबे रॉकेट को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसरो को छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन बाजार में सफलता हासिल करने के लिए इस प्रक्षेपण से काफी उम्मीदें हैं। 

तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने शुक्रवार को लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएसएलवी-डी2 के जरिये एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी। राज्यपाल सुंदरराजन ने एक ट्वीट में कहा,इसरो को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ईओएस07, जानूस-1 और आजादीसैट-2 को ले जाने वाले एसएसएलवी डी2 का सफल प्रक्षेपण करने के लिए बधाई।

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी ट्वीट कर इसरो को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी2 और ईओएस-07 के सफल प्रक्षेपण के साथ इसरो ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मानवीय प्रतिभा और दृढ़ संकल्प की कोई सीमा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि यह नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने और अंतरिक्ष अन्वेषण को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। 

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