भोलेनाथ की निकली बरात तो पूरा शहर बन गया बराती
जयकारे लगाते, गुलाल उड़ाते सड़कों से गुजरे बराती
अमृत विचार, लखनऊ। महाशिवरात्रि पर शिव मन्दिरों में पूजन-अर्चन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वातारवरण बम-बम भोले के नारों से गूंज उठा। राजधानी के सभी शिव मंदिर सूरज की किरण निकलने से पहले ही जयकारों से गुंजायमान हो गए। आस्था के प्रमुख शिवमंदिरों में देर शाम तक शिवभक्तों की लंबी-लंबी कतारे लगी रहीं।
मनकामेश्वर मंदिर में शुक्रवार को पूरे दिन शिव-पार्वती के विवाह की तैयारियां की गई थीं। मंदिर परिसर में रंगोलियां उकेरी गई थीं। कलश सजाये गए थे। नन्दी विराजमान हो गए थे। रात को 12 बजे अभिषेक किया गया। दो बजे महाआरती का आयोजन किया गया। महाआरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। मंदिर के कपाट खुलते ही शिव पूजन के लिए श्रद्धालू उमड़ पड़े। भोर में शुरू हुई पूजन-अर्चन की प्रक्रिया शनिवार देर शाम तक जारी रही। मनकामेश्वर उपवन के बाहर प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। चौक स्थित कोनेश्वर मंदिर में सुबह पांच बजे से दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग गई। मंदिर परिसर महादेव के जयकारों से गूंज उठा।
पारा के मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में प्रात: काल से ही पूजन अर्चन शुरू हो गया। महंत लीलापुरी की देखरेख में हाथों में बेलपत्र पर रखी पूजन सामग्री लिए भक्त शिव की आराधना के लिए चल पड़े। सुबह चार बजे पंचमुखी आरती की गई। दोपहर में महाभोग और शाम को इक्यावनमुखी आरती की गई। बुद्धेश्वर सेवा मण्डल की ओर से शिव बरात भी निकाली गई। महाशिवरात्रि पर शिवमंदिरों से भोलेनाथ की बरात निकली तो पूरा शहर बराती बन गया। हजारों की संख्या में बराती रंग और गुलाल की खेलते, नाचते-गाते और जयकारे लगाते हुए निकले तो यह दृश्य रमणीय हो गया।
उधर पुराने लखनऊ में कल्याणगिरि मंदिर से दोपहर एक बजे शिव बरात शुरू हुई। कोनेश्वर मंदिर पहुंचते-पहुंचते हजारों भक्त नाचते-गाते हुए बरात का हिस्सा बन गए।
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