गोंडा: दो बच्चों समेत 6 लोगों की हत्या का आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ढेर, पीड़ित परिजन बोले- ईश्वर के न्याय पर था भरोसा
बुलंदशहर में यूपी एसटीएफ संग हुई मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामी साहेब सिंह उर्फ सुनील
गोंडा, अमृत विचार। कहा जाता है कि ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। यह कहावत आज एक बार सच साबित हुई है। 22 साल पहले नगर कोतवाली क्षेत्र में हुई एक डकैती और 6 लोगों की हत्या करने वाले शातिर बदमाश को यूपी एसटीएफ ने बुलंदशहर में एक एनकाउंटर में मार गिराया है। शातिर अपराधी ने नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले के रहने वाले रेलवे के कांट्रेक्टर के घर 16-17 अगस्त 2001 की रात को डकैती डाली थी और परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। इस वारदात में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने इस शातिर हत्यारे पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
नगर कोतवाली क्षेत्र के में मेवतियान मोहल्ले में 17 अगस्त 2001 की रात को सशस्त्र डकैतों ने रेलवे कांट्रेक्टर तारिक सिद्दीकी के घर डकैती डाली थी। इस डकैती में बदमाशों ने उनके पिता समेत 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश लाखों रुपए की नकदी व जेवर लूट ले गए थे। तारिक सिद्दीकी की तरफ से 10 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नगर कोतवाली में डकैती व हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में तत्कालीन कोतवाल हीरा सिंह ने विवेचना कर फिरोजाबाद के रहने वाले शातिर बदमाश साहेब सिंह उर्फ सुनील समेत 10 बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने साहब सिंह पर ₹100000 का नगद इनाम घोषित कर रखा था। रविवार की फिरोजाबाद जिले में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक एनकाउंटर में बदमाश साहब सिंह उर्फ सुनील को मार गिराया है।
शातिर हत्यारे के मारे जाने की खबर सोमवार को जब तारिक के परिजनों को मिली तो उनके परिजनों की निर्मम हत्या की वारदात हादसे की याद एक बार फिर से ताजा हो गई। साहिब सिंह के मारे जाने की खबर पर वह दर्दनाक दृश्य एक बार फिर से तारिक और उनके परिजनों की आंखों के सामने घूम गया। तारिक ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि ईश्वर एक दिन न्याय जरूर करेगा और आज न्याय मिला है। इस बात की खुशी है।
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वहीं इस खौफनाक वारदात में घायल हुई रिफा का कहना है की वारदात के वक्त वह महज 4 साल की थी जब हत्यारों ने उसे मरणासन्न कर छोड़ दिया था, लेकिन ऊपर वाले की कृपा से हो जिंदा बच गई थी परिजन तो उसके जिंदा बचने की उम्मीद ही छोड़ चुके थे लेकिन चाचा के प्रयास से वह आज भी जीवित है। हादसे में अपने मां-बाप और छोटे भाई को खोने वाली रिफा ने कहा कि आज जब उसके परिवार का हत्यारा साहब सिंह मारा गया है तो अब उसके दिवंगत परिजनों की आत्मा को शांति मिलेगी।
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