मुरादाबाद : करनपुर पुलिस चौकी से जेसीबी ले गए माफिया, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल...सदर एसडीएम ने दिए घटना की जांच के आदेश 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

एसडीएम ने खान निरीक्षक राहुल सिंह को फोन किया और तत्काल छापेमारी का आदेश दिया

मुरादाबाद, अमृत विचार। खनन माफिया की मनमानी यहां पुलिस पर भारी है। ताजा मामला मूंढापांडे थाना क्षेत्र की करनपुर चौकी का है। छापेमारी में जिस जेसीबी को प्रशासनिक टीम पुलिस चौकी ले आई, उसे माफिया डंके की चोट पर उठा ले गए। उपजिलाधिकारी सदर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

मूंढापांडे थाना क्षेत्र में 18 फरवरी की देर रात ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी सदर परमानंद को फोन पर सूचना दी कि बुजपुर मान व कुलीपुर नंगला गांव के बीच जेसीबी से अवैध खनन हो रहा है। खेत से मिट्टी खोदकर डंपरों पर लादी जा रही है। तब उपजिलाधिकारी बरेली में थे। एसडीएम ने खान निरीक्षक राहुल सिंह को फोन किया और तत्काल छापेमारी का आदेश दिया। देर रात छापेमारी के दौरान खान निरीक्षक ने जेसीबी मशीन जब्त कर ली और पुलिस की मदद से करनपुर चौकी ले आई गई। 

छापेमारी के दौरान जेसीबी जब्त किए जाने की जानकारी खान निरीक्षक ने एसडीएम सदर को मोबाइल फोन पर दी। प्रशासनिक टीम की छापेमारी के बाद खनन माफिया भी सक्रिय हो गए और कुछ ही देर में वह पुलिस चौकी पहुंच गए। सूत्रों के मुताबिक तब खान निरीक्षक जेसीबी मशीन को सीज करने की कार्रवाई कर रहे थे। कुछ ही देर में पूरा मामला पलट गया। खनन माफिया पुलिस चौकी से जेसीबी लेकर चलते बने। खान निरीक्षक व उनकी टीम खाली हाथ लौट आई। पुलिस ने पूरे मामले में मौन धारण कर लिया। जेसीबी जब्त करने व माफिया द्वारा ले जाने की पूरी घटना व प्रशासनिक चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है। 

सूत्रों की मानें तो छापेमारी के दौरान प्रशासनिक टीम खनन माफिया के दबाव में आ गई। टीम को पता चला कि जेसीबी ईंट-भट्ठा मालिक की है। संबंधित ईंट-भट्ठा मालिक संगठन का पदाधिकारी बताया जा रहा है। राजनीतिक गलियारे में अपनी पहुंच व पकड़ का इस्तेमाल करते हुए ईंट-भट्ठा मालिक ने छापेमारी टीम पर दबाव बनाया। दबाव का ही परिणाम रहा कि प्रशासनिक टीम की कहानी पलभर में पलट गई और कुछ देर पहले पकड़ी गई जेसीबी प्रशासनिक टीम को छोड़नी पड़ी।

एसडीएम व खान निरीक्षक के दावों में विरोधाभास 
एसडीएम परमानंद ने कहा कि पूछताछ में खान निरीक्षक ने बताया कि जेसीबी एक भट्ठा मालिक की है। जेसीबी भट्ठे पर खड़े होने की बात कही जा रही है। देर रात जांच में जेसीबी के पहिए गरम मिले। इससे पता चलता है कि छापेमारी के दौरान अथवा कुछ समय पहले तक जेसीबी चल रही थी। एसडीएम ने जेसीबी पुलिस चौकी तक लाए जाने की सूचना से अनभिज्ञता जताई। इसके उलट खान निरीक्षक ने स्वीकारा कि जेसीबी पुलिस चौकी ले आई गई थी। छापेमारी के दौरान जेसीबी भट्ठे पर खड़ी मिली। अवैध खनन करते जेसीबी नहीं पकड़ी गई।

बिल्ली को मिली दूध की रखवाली
एसडीएम परमानंद ने छापेमारी व जबरन जेसीबी पुलिस चौकी से ले जाने की घटना की जांच खान निरीक्षक राहुल सिंह को सौंपी है।  एसडीएम ने कहा कि पूरे प्रकरण पर उन्होंने खान निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में सवाल तो उठेंगे, पूरे प्रकरण में जिस खान निरीक्षक की भूमिका संदेह के घेरे में है, उन्हें जांच किस परिस्थिति में सौंपी गई? अधिकारियों के उलट खान निरीक्षक का दावा प्रथमदृष्टया उनकी भूमिका पर सवाल खड़ा करता है।

करनपुर चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी खान निरीक्षक के साथ छापेमारी में शामिल हुए थे। पकड़ी गई जेसीबी चौकी पर ले आई गई थी। कुछ ही देर में जेसीबी क्यों छोड़ दी गई? इस सवाल का जवाब खान निरीक्षक ही दे सकते हैं। छापेमारी व सुरक्षा को छोड़ पुलिस का मामले से कोई लेना-देना नहीं है।  -आरपी सिंह, थाना प्रभारी मूंढापांडे। 

ये भी पढ़ें :  मुरादाबाद : काजीपुरा में धर्मांतरण की सुगबुगाहट, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया थाने का घेराव

संबंधित समाचार