'मन की बात' बना जनभागीदारी का 'अद्भुत मंच', PM Modi की अपील- इस बार होली 'वोकल फॉर लोकल' के संकल्प के साथ मनाएं

'मन की बात' बना जनभागीदारी का 'अद्भुत मंच', PM Modi की अपील- इस बार होली 'वोकल फॉर लोकल' के संकल्प के साथ मनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि मन की बात कार्यक्रम जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत मंच बन गया है। उन्होंने कहा कि जब समाज की शक्ति बढ़ती है तो देश की शक्ति भी बढ़ती है। आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 98वीं कड़ी में संवाद के इस माध्यम से उन्होंने पारंपरिक खेलों और भारतीय खेलों को बढ़ावा दिए जाने सहित अपने विभिन्न आह्वानों का उल्लेख किया और कहा कि लोगों ने इनमें बढ़चढ़कर भागीदारी की।

ज्ञात हो कि विपक्षी दल मन की बात कार्यक्रम की अक्सर आलोचना करते हैं और आरोप लगाते हैं कि प्रधानमंत्री सिर्फ अपने मन की बात करते हैं जनता की नहीं सुनते हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान टेलीकंसल्टेशन का भी जिक्र किया और कहा कि भारत के लोगों ने तकनीक को कैसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया है, ये इसका जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा, हमने देखा है कि कोरोना के काल में ई-संजीवनी एप के जरिए टेलीकंसल्टेशन एक बड़ा वरदान साबित हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात अब सैंकड़ा लगाने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, इस सफर में मन की बात को आप सभी ने जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत मंच बना दिया है। उन्होंने कहा, आप, अपने मन की शक्ति को तो जानते ही हैं। वैसे ही, समाज की शक्ति से कैसे देश की शक्ति बढ़ती है, ये हमने मन की बात की अलग-अलग कड़ियों में देखा और समझा है। मैंने इन्हें अनुभव किया है और स्वीकार भी किया है। मोदी ने इस दौरान कहा कि उन्होंने इस कार्यक्रम में भारत के पारंपरिक खेलों, भारतीय खिलौनों को प्रोत्साहन की बात की थी और लोगों ने इसमें बढ़चढ़कर भागीदारी की। 

उन्होंने कहा, जब मैंने भारत के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन की बात की थी, तुरंत उस समय देश में एक लहर सी उठ गई भारतीय खेलों से जुड़ने की, इनमें रमने की, इन्हें सीखने की। जब, भारतीय खिलौनों की बात हुई, तो देश के लोगों ने इसे भी हाथों-हाथ बढ़ावा दे दिया। अब तो भारतीय खिलौनों का इतनी मांग हो गई है कि विदेशों में भी इनकी मांग बहुत बढ़ रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती एकता दिवस पर गीत, लोरी और रंगोली से जुड़ी प्रतियोगिताओं और इनके विजेताओं का उल्लेख किया। इसी महीने होली के त्योहार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया कि वे इसे वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प के साथ मनाएं। 

मन की बात कार्यक्रम की खास बातें
पीएम मोदी ने कहा, स्वच्छ भारत अभियान ने हमारे देश में जन भागीदारी के मायने ही बदल दिए हैं। हम अगर ठान लें तो स्वच्छ भारत अभियान में अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण आयाम वेस्ट टू वेल्थ भी है। पश्चिम बंगाल में हुगली ज़िले के बांसबेरिया में इस महीने 'त्रिबेनी कुम्भो महोत्सव' का आयोजन किया गया। इसमें 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना विशेष इसलिए है क्योंकि इस प्रथा को 700 साल के बाद पुनर्जीवित किया गया है। त्रिबेनी की विरासत को पुनर्स्थापित करने और कुंभ परंपरा के गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए यहां पिछले साल कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। 7 सदियों बाद, 3 दिन के कुंभ महास्नान और मेले ने इस क्षेत्र में एक नई उर्जा का संचार किया है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के UPI की ताकत भी आप जानते ही हैं। दुनिया के कितने ही देश, इसकी तरफ आकर्षित हैं। कुछ दिन पहले ही भारत और सिंगापुर के बीच UPI-PAYNOW लिंक लॉन्च किया गया। अब सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाईल फोन से उसी तरह पैसे स्थानांतरण कर रहे हैं जैसे वे अपने-अपने देश के अंदर हैं। देश के सामान्य मानवी के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा है। ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति है। इस एप का उपयोग करके अब तक टेली परामर्श करने वालों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। आप कल्पना कर सकते हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 करोड़ परामर्श, मरीज और डॉक्टर के साथ अद्भुत नाता, ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।

पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले 'उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार' दिए गए। ये पुरस्कार संगीत और कला प्रदर्शन के क्षेत्र में उभर रहे प्रतिभाशाली कलाकारों को दिए जाते हैं। ये कला और संगीत की लोकप्रियता बढ़ाने के साथ ही इसकी समृद्धि में अपना योगदान दे रहे हैं। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर 'मन की बात' में हमने 3 प्रतियोगिता की बात की थी। ये प्रतियोगिताएं देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली पर आधारित थी। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि देशभर के 700 से अधिक जिलों के 5 लाख से अधिक लोगों ने इसमें भाग लिया है। आज के इस अवसर पर मुझे लता मंगेश्कर जी की याद आना स्वभाविक है क्योंकि जब ये प्रतियोगिता प्रारंभ हुई थी उस दिन लता दीदी ने ट्वीट कर देशवासियों से आग्रह किया था कि वे इस स्पर्धा में जरूर जुड़ें।



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