भारतीय संस्कृति के तहत हो कानून व्यवस्था : अधिवक्ता अवाना

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Published By Virendra Pandey
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विधि विश्वविद्यालय में डिजिटल मानवाधिकारों पर व्याख्यान की शुरुआत

लखनऊ, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के तत्वाधान में डिजिटल मानवाधिकारों पर व्याख्यान की शुरुआत की गई। इसमें प्रोजेक्ट निदेशक डॉ. अमनदीप सिंह और डॉ. विकास भाटी ने सभी अतिथियों का स्वागत करके कार्यक्रम की शुरुआत की।

व्याख्यान में उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. विजय अवाना ने राज्य सुरक्षा उपाय बताते हुए युवाओं को जागरूक रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि चीन भारत के आगे निम्न हैं। भारत की संस्कृति को देखते हुए हम लोगों को अपने कानून व्यवस्था का निर्माण उन्हीं उच्च मूल्यों पर करना होगा। विधि विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. संजय सिंह ने इंटरनेट के बढ़ते महत्व से जुड़े सामाजिक मुद्दे और चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सबको जागरुकता के साथ इस क्षेत्र में अपडेट रहने की जरूरत है।

वहीं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. अनिल कुमार मौर्या ने डाटा सुरक्षा से संबंधित मौजूदा कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। आखिरी में विधि विश्वविद्यालय के डॉ. अब्दुल्ला नासिर ने अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष में इंटरनेट शटडाउन पर अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन विश्वविद्यालय की एलएलबी की चतुर्थ वर्ष की छात्रा रुपल जायसवाल ने किया।

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