होली से पहले बड़ा तोहफा ! इस राज्य की सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में की 17 फीसदी की बढ़ोतरी
बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष, पदाधिकारियों और वित्त अधिकारियों से चर्चा के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को मूल वेतन का 17 प्रतिशत अंतरिम मुआवजा स्वीकृत करने का आदेश दिया है। सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, हम एनपीएस पर एक कमेटी बनाएंगे और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।
कर्नाटक में कर्मचारी संघ के हड़ताल के मामले को बढ़ता देख बोम्मई सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बस्वराज बोम्मई ने कहा कि हमने अंतरिम राहत के रूप में सरकारी कर्मचारियों के लिए 17% वेतन वृद्धि की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में नई पेंशन योजना, वित्तीय निहितार्थ और अन्य मुद्दों का अध्ययन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, और फिर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
बता दें कि आशंका जताई जा रही है कि कर्नाटक सरकार के कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। सरकार और कर्मचारी संघ के बीच कई बैठकें हुई थीं, जिसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला था। बुधवार को 7वें वेतन आयोग को लागू करने की मांग को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों ने बेंगलुरु के बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया।
ರಾಜ್ಯದ ಸರ್ಕಾರಿ ನೌಕರರ ಸಂಘದ ಅಧ್ಯಕ್ಷರು, ಪದಾಧಿಕಾರಿಗಳೊಂದಿಗೆ ಚರ್ಚಿಸಿದ ನಂತರ ಹಣಕಾಸು ಅಧಿಕಾರಿಗಳೊಂದಿಗೆ ಸಹ ಚರ್ಚಿಸಿ, ರಾಜ್ಯ ಸರ್ಕಾರಿ ನೌಕರರಿಗೆ , ಮೂಲ ವೇತನದ ಶೇ.17ರಷ್ಟು ಮಧ್ಯಂತರ ಪರಿಹಾರವನ್ನು ಮಂಜೂರು ಮಾಡಲು ಆದೇಶಿಸಲಾಗಿದೆ. ಎನ್.ಪಿ.ಎಸ್ ಕುರಿತಂತೆ ಸಮಿತಿಯೊಂದನ್ನು ರಚಿಸಿ, ಅದರ ವರದಿಯನುಸಾರ ಕ್ರಮ ಕೈಗೊಳ್ಳುತ್ತೇವೆ. pic.twitter.com/RpECrARYXy
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) March 1, 2023
सरकारी कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, पुरानी पेंशन योजना को वापस करने और कम से कम 40 प्रतिशत पेंशन को लागू करने के साथ-साथ कई अन्य मांग कर रहे हैं। वहीं कर्नाटक राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सीएस शदाक्षरी ने कहा कि जब तक राज्य सरकार सातवें वेतन को लागू नहीं करती तब तक हम विरोध करने का फैसला वापस नहीं लेंगे। हम सरकार के फैसलों का इंतजार करेंगे। हालांकि राहत की बात यह है कि परिवहन, इमरजेंसी और क्रिटिकल केअर के साथ-साथ क्रेमटोरियम को बंद से फिलहाल दूर रखा गया है। मुख्य सचिव सहित अधिकारियों के साथ आठ बैठकें हुईं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
पत्रकारों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि एसोसिएशन आश्वस्त होगा। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें बताया कि कैसे कोविड के दौरान समय पर वेतन का भुगतान किया गया और डीए में बढ़ोतरी की गई। ऐसा अनुमान है कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने से पहले साल में ही सरकारी खजाने से 12,000 से 17,000 करोड़ रुपये खर्च होगा।
एसोसिएशन, जो छह लाख से अधिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है, उन्होंने सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन में संशोधन और नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को वापस लेने की मांग की है। बोम्मई ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि वेतन संशोधन पर अंतरिम समाधान की घोषणा करने के लिए उन्हें केवल दस दिन चाहिए। एनपीएस पर, बोम्मई ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने के अध्ययन के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
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