Vijayapriya : कौन हैं विजयप्रिया जो यूएन की बैठक में नित्यानंद के 'देश' कैलासा की ओर से हुईं शामिल?

Amrit Vichar Network
Published By Himanshu Bhakuni
On

वॉशिंगटन। रेप के आरोपी स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद के काल्पनिक देश 'कैलासा' की ओर से संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुईं विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया है कि वह यूएन में कैलासा की स्थाई दूत हैं। बकौल रिपोर्ट्स, वह अमेरिका से हैं। उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई की है। यूएन के मुताबिक, कैलासा ने बतौर एनजीओ बैठक में हिस्सा लिया था।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि रेप के आरोपी स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद के 'देश' कैलासा ने फरवरी में उसकी बैठक में एनजीओ के तौर पर भाग लिया था और उसकी सलाहों पर विचार नहीं किया जाएगा। बकौल यूएन, जनरल डिस्कशन में कोई भी शामिल हो सकता है। कैलासा की प्रतिनिधि ने कहा था कि नित्यानंद को भारत 'सता' रहा है।

रेप केस में भगोड़ा और 'कैलासा' नाम से अपना एक अलग देश बनाने का दावा करने वाले कथित स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु नित्यानंद एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, बीते दिनों जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में उसके कथित देश का एक शिष्टमंडल शामिल हुआ। शिष्टमंडल की अगुवाई करने वाली एक महिला थी। 'कैलासा' के दूत के रूप में इस महिला ने भारत के खिलाफ बातें कहीं। 

इस महिला के बयानों पर विवाद बढ़ने पर संयुक्त राष्ट्र ने सफाई देते हुए कहा कि गत 24 फरवरी को इस संगठन की तरफ से जो बातें कहीं गईं उस पर वह गौर नहीं करेगा। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने 24 फरवरी को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों पर 19वां सम्मेलन आयोजित किया था। इस अधिवेशन में दो लोगों ने अपनी बातें रखीं। इन्होंने दावा किया कि वे 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा' से आए हैं।

'कैलासा' के प्रमाणित फेसबुक अकाउंट पर इस सम्मेलन के बारे में जानकारी दी गई है। फेसबुक पर कहा गया है कि विजयप्रिया नित्यानंद संयुक्त राष्ट्र में 'कैलासा देश' की स्थायी दूत हैं। विजयप्रिया ने खुद को वाशिंगटन डीसी का निवासी और सोशल मीडिया पर उन्होंने अपना स्टेट्स 'कैलासा देश का राजनयिक' बताया है। 'कैलासा' की वेबसाइट के मुताबिक विजयप्रिया इस 'वर्चुअल देश' की तरफ से अन्य संगठनों के साथ काम-काज देखती हैं।

दिलचस्प बात यह है कि सम्मेलन के दौरान विजयप्रिया ने कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इनसे मुलाकात की तस्वीरें एवं वीडियो इन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। एक वीडियो में विजयप्रिया अमेरिका के कुछ अधिकारियों के साथ करारों पर कथित रूप से हस्ताक्षर करती हुई दिखीं। विजयप्रिया का दावा है कि 'कैलासा' ने दुनिया के कई देशों में अपने दूतावास एवं एनजीओ खोले हैं। यूएन के इस सम्मेलन में विजयप्रिया के अलावा 'कैलासा' की पांच अन्य महिलाएं भी शरीक हुईं।

संयुक्त राष्ट्र के इस अधिवेशन में विजयप्रिया ने भारत के खिलाफ विवादित बयान दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि 'हिंदू परंपराओं को पुनर्जीवित करने पर उनके आध्यात्मिक गुरु को भारत में कानूनी शिकंजे में फंसाया जा रहा है।' विजयप्रिया ने कहा कि 'नित्यानंद एवं कैलासा के 2 करोड़ प्रवासी हिंदू आबादी को प्रताड़ना से बचाने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।'

बता दें कि भारत में नित्यानंद के खिलाफ रेप सहित कई मामले दर्ज हैं। अपने खिलाफ दर्ज मामलों का सामना करने के बजाय वह देश छोड़कर फरार हो गया। ऐसे में विजयप्रिया के आरोप आधारहीन हैं। बताया जाता है कि भारत से फरार होने के बाद नित्यानंद दक्षिण अमेरिका पहुंचा और इक्वाडोर में इसने एक द्वीप खरीदकर उसे अपना देश घोषित किया। इस वेबसाइट पर नित्यानंद ने अपने अनुरूप हिंदू धर्म की व्याख्या की है।

ये भी पढ़ें : पाकिस्तान में एक दर्जन आतंकी संगठन मौजूद, अमेरिका से नहीं मिलनी चाहिए कोई मदद : Nikki Haley

संबंधित समाचार