प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र झारखंड में अवैध खनन सर्वेक्षण का बना डिप्टी जोनल हेड

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय आईएएस पीसीएस विधायक मंत्री और प्रधानमंत्री का केंद्र भी कहा जाता है। यहां से उमेश पाल हत्याकांड जैसे लोग शामिल सदाकत खान भी यही विश्वविद्यालय से एलएलबी का छात्र था। इसी विश्वविद्यालय से यूपीएससी टॉपर दया सागर यादव भी निकले।

खास बातचीत में उन्होंने कहा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मैंने बहुत मेहनत से पढ़ाई की मेरी स्थिति यहां रहकर पढ़ने की नहीं थी मेरे मां-बाप किस तरह से पैसे देते थे। बड़ी आस लगाए रखे थे। आज आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में शामिल किया गया। उनको सचिव लिना नंदन ने एक पत्र लिखा था। 

ईडी के इस पत्र में वर्णित तथ्यों को गंभीरता से देखते हुए अवैध खनन का सर्वेक्षण दयासागर के निर्देशन में कराने का फैसला लिया गया है। दयासागर को अतिरिक्त प्रभार कोडरमा तथा पलामू का भी दिया है। दिल्ली में 4 जनवरी और 6 जनवरी को कोल माइनिंग डिपार्टमेंट मीटिंग के बाद यह जौंन दयासागर को दिया गया है। समय-समय पर उत्तर प्रदेश की gs7 संस्था उनके कामों से प्रभावित होकर उनसे सलाह लेती रहती है।

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