Kanpur: हैलट अस्पताल में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दस डॉक्टरों के साथ वार्डों में मारा छापा, छह एक्सपायरी इंजेक्शन मिले
कानपुर के हैलट अस्पताल में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने वार्डों में छापेमारी की।
कानपुर के हैलट अस्पताल में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दस डॉक्टरों की टीम के साथ वार्डों में छापेमारी की। प्राचार्य को चार वार्ड में छह एक्सपायरी इंजेक्शन मिले। संबंधित डॉक्टर व स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण भी मांगा।
कानपुर, अमृत विचार। हैलट अस्पताल में शनिवार सुबह उस समय स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों के बीच खलबली मच गई, जब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने सभी विभागों वार्ड में छापे मारी की। प्राचार्य को मेडिसिन, आर्थोपेडिक समेत चार वार्डों में छह एक्सपायरी इंजेक्शन, कई दवाएं और दस बीएचटी (मरीजों की फाइल) बरामद हुई। इस संबंध में संबंधित डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा है। कई लोगों को चेतावनी दी गई है।
हैलट अस्पताल में बाहरी दवाओं व इजेक्शन का खेल तो सालों से चला आ रहा है। शुक्रवार को अस्पताल के वार्ड नंबर 12 में भर्ती मरीज के गलत इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी, जिस पर परिजनों ने हंगामा कर प्राचार्य से शिकायत की थी। प्राचार्य ने मामले को संज्ञान लेकर दस डॉक्टरों की टीम गठित की। शनिवार सुबह टीम के साथ प्राचार्य ने अस्पताल के सभी वार्डों में छापा मारा। छापेमारी के दौरान मेडिसिन वार्ड, आर्थोपेडिक समेत चार अन्य वार्ड से एक्सपायरी डेट के छह इंजेक्शन और कई दवाएं बरामद हुई, जिसे देखकर टीम के सदस्य हैरान रह गए।
वहां पर पुरानी दस बीएचटी भी बरामद हुई, जो स्टाफ नर्स व कर्मचारियों ने मरीज की छुट्टी होने के बाद भी जमा नहीं की थी। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि छापे मारी के दौरान छह एक्सपायरी इंजेक्शन मिले है और दस बीएचटी भी मिली। इस संबंध स्टाफ नर्स व कुछ डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मरीजों व तीमारदारों में मचा हड़कंप
मेडिसिन, आर्थोपेडिक समेत जिन चार वार्ड में एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन मिले, वहां पर भर्ती मरीजों के तीमारदारों को भी चिंता सताने लगी। भनक लगते ही तीमारदार अपने-अपने मरीजों की दवा व इंजेक्शन दिखाने डॉक्टरों की टीम के साथ पहुंच गए और अपनी दवाओं की जांच कराई। दस डॉक्टरों की टीम ने सभी मरीजों की दवा व इंजेक्शन को चेक किया। जांच में दवा व इंजेक्शन सही मिलने पर मरीज और उनके तीमारदार संतुष्ट हुए। इस दौरान प्राचार्य ने मरीजों को अस्पताल में बेहतर इलाज देने का अश्वासन दिया।
दवा स्टोर के प्रभारी से मांगी रिपोर्ट
प्राचार्य ने छापेमारी के दौरान एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन बरामद होने पर दवा स्टोर में मौजूद खांसी, जुकाम, बुखार, गुर्दे, लिवर, एंटीबायोटिक, समेत अन्य दवाओं व सभी तरह के इंजेक्शन का लेखा-जोखा स्टोर के प्रभारी से मांगा है। जांच में जो दवाएं व इंजेक्शन एक्सपायरी डेट के मिलते है तो उन्हें नष्ट कराया जाएगा। दवा व इंजेक्शन की कमी होने पर शासन से मांग भी की जाएगी।
यह था पूरा मामला, जांच के बाद होगी कार्रवाई
बर्रा सात निवासी ब्रजेश कुमार एक मार्च को सड़क हादसे में घायल हो गए थे, जिसमें उनका पैर टूट गया था। परिजनों ने उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया। सात मार्च को ऑपरेशन होने के बाद 11 मार्च को उनकी अस्पताल से छुट्टी होनी थी। आरोप है कि गुरुवार देर शाम को स्टाफ नर्स ने अपने पास से एक इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद ब्रजेश की मौत हो गई। बचाव के लिए डॉक्टर व स्टॉफ नर्स ने मरीज को आईसीयू भी भर्ती कर दिया था, इसी दौरान परिजनों ने लगाए गए इंजेक्शन के खोखे को अपने पास रख लिया था। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जो इंजेक्शन मिला है, वह बाहर से लाया गया था। घटना गंभीर है, मामले जांच के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एके गुप्ता, एसआईसी आरके मौर्या व सीएमएस डॉ. सुभरांशु शुक्ला की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। मामले की जांच कर टीम को दस दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
