Ram Janmotsav: रामनवमी पर महाराष्ट्र की वारकरी परंपरा से राममय होगी अयोध्या
अयोध्या। इस बार रामनवमी पर अयोध्या महाराष्ट्र की वारकरी परंपरा से राममय हो जाएगी। वारकरी परंपरा से जुड़े लोग कीर्तन करने के अभ्यासी होते हैं। वे चलते-चलते नृत्य करते हुए कीर्तन करते हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने परंपरा से जुड़े लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। ट्रस्ट का प्रयास सफल रहा तो एक टोली यहां पहुंचेगी और राम की पैड़ी पर सुबह-शाम कीर्तन करेगी।
रामनवमी पर श्रीराम जन्मोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा व्यापक तैयारियां कर रहा है। इसी के तहत सनातन संस्कृति से जुड़ी महाराष्ट्र की वारकरी परंपरा को अयोध्या लाने पर विचार चल रहा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह भी बताया कि अगर कोई रामलला की पालकी यात्रा निकालता है तो अच्छी बात है, लेकिन ट्रस्ट द्वारा अभी कोई पालकी यात्रा की योजना नहीं है।
जानिए कौन हैं वारकरी?
भगवान श्री विट्ठल के भक्त को वारकरी कहते हैं। इस संप्रदाय को वारकरी संप्रदाय कहा जाता है। वारकरी शब्द में वारी शब्द अंतर्भूत है। वारी का अर्थ है यात्रा करना, फेरे लगाना। सामान्यत: उनकी वेशभूषा में धोती, अंगरखा, उपरना व टोपी होती है। कंधे पर भगवा रंग की ध्वजा, गले में तुलसी की माला, हाथ में वीणा व मुख में हरि का नाम लेते हुए वह वारी के लिए निकलता है। वारकरी मस्तक, गले, छाती, छाती के दोनों ओर, दोनों भुजाएं , कान एवं पेटपर चंदन लगाते हैं।
रन फॉर राम के प्रथम विजेता को मिलेगा 21 हजार
राम जन्मोत्सव के पर अयोध्या में रन फॉर राम का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें साइकिल रेस और मैराथन दौड़ में बड़ी संख्या में युवाओं को शामिल किया जाएगा। ट्रस्ट के द्वारा गठित श्रीराम जन्मोत्सव समिति के माध्यम से हो रहे इस आयोजन में नवरात्र के पहले दिन 22 मार्च को सुबह 6 बजे भजन संध्या स्थल से मैराथन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पुरुष और महिला दोनों वर्गों से प्रथम विजेताओं को प्रथम 21 हजार, द्वितीय 15 हजार और तृतीय विजेता को 11 हजार रुपये दिए जाएंगे। आयोजन से जुड़ने के लिए युवाओं को पंजीकरण कराना होगा। इसकी भी जल्द आॅनलाइन प्रक्रिया को शुरू होगी।
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