नैनीतालः हाईकोर्ट पहुंचा पीसीसीएफ का मामला, अदालत ने सरकार व मौजूदा पीसीसीएफ से मांगा जवाब 

नैनीतालः हाईकोर्ट पहुंचा पीसीसीएफ का मामला, अदालत ने सरकार व मौजूदा पीसीसीएफ से मांगा जवाब 

नैनीताल, अमृत विचार। भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजीव भरतरी ने पीसीसीएफ पद पर बहाली को लेकर पुन: उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को राज्य सरकार सहित पीसीसीएफ विनोद सिंघल को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। 

अदालत ने याचिकाकर्ता को भी प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिये हैं। मामले के अनुसार, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में पेड़ों के अवैध पातन का मामला सामने आने के बाद सरकार ने 25 नवंबर 2021 को वरिष्ठ अधिकारी भरतरी को पीसीसीएफ पद से हटाकर जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था। इसके बाद भरतरी ने सरकार के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। हाईकोर्ट से उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जाने की सलाह दी थी। इसके बाद वह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंच गये। 

शीर्ष अदालत ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी। इसके बाद उन्होंने कैट का दरवाज़ा खटखटाया और कैट की नैनीताल बेंच ने 24 फरवरी, 2023 को एक आदेश जारी कर सरकार के स्थानांतरण आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही उन्हें पीसीसीएफ पद पर बहाल करने के निर्देश दिये। इसके बावजूद पीसीसीएफ पद फर उनकी बहाली नहीं हुई। 

इसके बाद राजीव भरतरी ने पुन: उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया और कहा कि सरकार द्वारा कैट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। उन्हें अभी तक पीसीसीएफ पद पर बहाल नहीं किया गया है जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि उन्होंने कैट में समीक्षा याचिका दायर की है। हालांकि अदालत सरकार के इस तर्क से सहमत नजर नहीं आयी और राज्य सरकार के साथ ही पीसीसीएफ विनोद सिंघल से जवाब दाखिल करने को कहा है।