
बरेली: मुख्यमंत्री जी! हमें किसान सम्मान निधि नहीं मिली, IGRS पर 17 दिन में दर्ज हुईं 3689 शिकायतें
जनसुविधा और कल्याणकारी योजनाएं चलाने वाले दूसरे विभागों से भी लोग मायूस
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बरेली, अमृत विचार। अफसरशाही से मायूस लोगों का मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी में रहने वाले पोर्टल आईजीआरएस पर अपनी फरियादें दर्ज करने की रफ्तार इस महीने और तेज होती दिख रही है। मार्च के 17 दिनों में 3689 शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज हो चुकी हैं लिहाजा महीना खत्म होने से पहले पिछला रिकॉर्ड तोड़कर शिकायतों की तादाद सात हजार पार निकल जाने के आसार हैं। इन 3689 शिकायतों में सर्वाधिक 656 किसानों की हैं जिनमें ज्यादातर सम्मान निधि न मिलने से परेशान हैं।
आईजीआरएस पर हुई सारी शिकायतों का आकलन किया जाए तो जनसुविधाएं मुहैया कराने के साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाएं चलाने वाले 36 विभाग लोगों के निशाने पर हैं। शिकायत करने वालों की अलग-अलग तरह की फरियादें हैं जिनका उन्होंने निस्तारण कराने की मांग की है।
किसानों ने सर्वाधिक 656 शिकायतें हेल्पलाइन पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दर्ज कराई हैं। बाकी शिकायतों में राजस्व एवं आपदा विभाग से संबंधित 412, नगर विकास की 355, गाम्य विकास की 308, समाज कल्याण की 242, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से जुड़ी 207, खाद्य एवं रसद विभाग की 173 शिकायतें दर्ज हैं। दूसरे विभागों की 100 से कम शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज हुई हैं।
कमिश्नर का आदेश, रैंकिंग में सुधार लाएं सभी डीएम
कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर समेत मंडल के चारों जिलों के डीएम को पत्र जारी कर मार्च में आईजीआरएस की रैंकिंग में सुधार लाने का निर्देश जारी किया है। जनवरी और फरवरी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए चारों डीएम को शिकायतों की नियमित समीक्षा कर गुणवत्तापूर्वक निस्तारण कराने को कहा गया है।
कमिश्नर ने पत्र में कहा है कि जन सुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की मुख्यमंत्री खुद समीक्षा करते हैं। अक्सर निस्तारण न होने या गुणवत्ता की कमी पर नाराजगी भी जताते हैं। राज्य स्तरीय रैंक में जनवरी की अपेक्षा फरवरी में सुधार दिखा है लेकिन विशेष प्रयास कर और सुधार लाने की जरूरत है। कमिश्नर ने ध्यान दिलाया है कि फरवरी में बरेली 55, बदायूं 55, पीलीभीत 13 और शाहजहांपुर की 46 रैंक आई थी। जनवरी में क्रमश: 66, 73, 38 और 63 थी।
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