अमृत विचार इंपैक्ट: चार माह बाद पुलिस ने दहेज पीड़िता का कराया मेडिकल

साल 2022 के नवम्बर माह में पीड़िता ने कृष्णानगर थाने में की थी लिखित शिकायत, चार माह बाद 15 मार्च को दर्ज हुई FIR

अमृत विचार इंपैक्ट: चार माह बाद पुलिस ने दहेज पीड़िता का कराया मेडिकल

अमृत विचार, लखनऊ। तिल का ताड़ और राई का पहाड़ बनाने वाली लखनऊ पुलिस का एक अजब कारनामा सामने आया है। दहेज प्रताड़ना (डीपी एक्ट) के एक मामले में पुलिस ने चार माह गुजर जाने के बाद सिर्फ पीड़िता प्राथमिकी दर्ज की, खानापूर्ति के लिए अब उसका मेडिकल टेस्ट और सीआरपीसी-164 का बयान दर्ज कराया गया है। मामला कृष्णानगर कोतवाली का है। 

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आजादनगर संजय गांधी मांर्ग निवासिनी फौजिया इस्लाम अंसारी ने गत नवम्बर माह में दहेज उत्पीड़न के मामले को लेकर शौहर तलहा एजाज के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में लिखित शिकायत दी थी। मामले में चार माह बाद गत 15 मार्च को पुलिस ने तलहा एजाज के खिलाफ डीपीएक्ट, मारपीट, बच्चा छीनने और गाली-गलौज के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। अमृत विचार में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद आलाधिकारियों ने कृष्णानगर पुलिस दहेज पीड़िता का मजिस्ट्रेट के समक्ष शनिवार को सीआरपीसी-164 का बयान कराया गया। वहीं रविवार को लोकबंधु अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया गया।

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मारपीट के मामले में चार माह बाद मेडिकल कराना का क्या औचित्य?
चार माह पहले हुई मारपीट में अब मेडिकल टेस्ट कराया जाना समझ से परे है। रविवार मेडिकल टेस्ट के दौरान फौजिया ने इस पर सवाल उठाते हुए कहाकि अब चार माह बाद मेडिकल में भला पुष्ट रिपोर्ट कैसे मिल सकेगी। अब तो उसके घाव भी ठीक हो चुके हैं। फौजिया ने पुलिस के खिलाफ मामले को दबाने का आरोप लगाया है। 

बोले इंस्पेक्टर -
प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर विक्रम सिंह ने कहा कि मामला दंपति के आपसी विवाद का है। पीड़िता ने मारपीट का ज्रिक किया है। मुकदमे में मारपीट की धारा दर्ज की गई है। जिस वजह से मेडिकल कराया जाना जरुरी है। 

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