खुशखबरी: दिसंबर में ही राम मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला

अगले 15 दिन में शुरू होगा छत बनाने का काम, अक्टूबर तक मंदिर निर्माण का लक्ष्य 

खुशखबरी: दिसंबर में ही राम मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला

अमृत विचार, अयोध्या। राम भक्तों के इंतजार की घड़ियां जल्दी समाप्त होने वाली है। खबर यह है कि रामलला को इसी वर्ष मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करा दिया जाएगा। भगवान को विराजमान करने की तिथि तय कर ली गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने काशी विश्वनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए 2023 दिसंबर में ही मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कराने का संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा कि इतना विशाल नक्काशीदार मंदिर 21 वीं शताब्दी में लोगों के लिए अनोखा है। जो सोचा है शायद वह ईश्वर ने स्वीकार कर लिया है। यह कार्य समय से पूरा हो जाएगा और हम प्राण प्रतिष्ठा 2023 में ही कर पाएंगे। 
      
महासचिव चंपत राय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के दौरान तिथि की जानकारी पूछी गई थी। उन्हें भी बता दिया गया है कि एक दो महीने पहले इस कार्य को कर लेंगे। चंपत राय ने कहा कि तिथि की जानकारी देने के बाद कुछ खुराफाती लोग षड्यंत्र की तैयारी जरूर कर देंगे। इसलिए तारीख बताने की जरूरत क्या है? सूर्य उत्तरायण होने के बाद रामलला के विराजमान कराए जाने के दावे पर इन्कार करते हुए कहा कि इस विषय पर भी चर्चा किया गया है। इसके पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भी उद्घाटन दिसंबर में हुआ है। राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। गर्भगृह और उसके चारों तरफ परिक्रमा पथ के दीवारों को खड़ा किया जा चुका है। मंदिर के भूतल पर पांच मंडप बनाये जा रहे हैं। इसके लिए 166 पीलर लगाए गए हैं। सिंहद्वार के साथ मंदिर के तल पर आने के लिए 32 सीढ़ियां बनाई गई हैं। अगले 15 दिन में मंदिर छत को बनाये जाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। ट्रस्ट ने अक्टूबर तक निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद भगवान को विराजमान कराये जाने की तैयारी भी शुरू कर दी जाएगी।

रामलला की मूर्ति पर नहीं लगेगा कलर
रामलला की मूर्ति को बनाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। कमल दल पर पांच वर्षीय भगवान रामलला तीर-धनुष लिए खड़े मुद्रा में होंगे, लेकिन मूर्ति के लिए उन्हीं पत्थरों का चयन किया जाएगा, जिससे तैयार करने के बाद किसी भी प्रकार के कलर की आवश्यकता न हो।


ये भी पढ़ें - हरदोई: नहीं रुक रहा है अध्यापक और बीईओ के तालमेल का घोटाला, ऑडियो वायरल