सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित 

सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित 

नई दिल्ली। सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहने के कारण राज्यसभा में दोनों पक्षों के बीच लगातार सातवें दिन मंगलवार को भी तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। भोजन अवकाश के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने देश के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष के अवसर पर होने वाले विभिन्न त्योहारों की जानकारी दी और कहा कि इस उपलक्ष्य में सदन की कार्यवाही 22 मार्च को नहीं होगी। 

इसके बाद उन्होंने केंद्रीय बजट 2023- 24 पर चर्चा कराने का प्रयास किया तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य शोरगुल करने लगे। उन्होंने सदस्यों से शांत होने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, हालांकि सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 23 मार्च, गुरुवार तक स्थगित कर दी। 

इससे पहले सुबह सभापति ने कहा कि उन्हें 11 सदस्यों से नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। इनमें से ज्यादातर सदस्यों जैसे अमी याग्निक, प्रमोद तिवारी, तिरुचि शिवा, नीरज डांगी, रंजीत रंजन और नासिर हुसैन ने अदानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा कराने की बात कही है। 

एक अन्य सदस्य इलामारम करीम ने इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने से संबंधित नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अदानी समूह द्वारा राजस्थान और महाराष्ट्र में ऊर्जा उत्पादन से संबंधित अनियमितताओं के बारे में नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि इन सभी नोटिसों पर गंभीरता से विचार करने के बाद उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा उच्च सदन है और हम पृथ्वी पर लोकतंत्र के सबसे जिम्मेदार मंच पर हैं। 

लोग चाहते हैं कि हम इस सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करें और लोकतांत्रिक मूल्यों तथा परंपराओं का पालन करें । इसके बाद सभापति ने जैसे ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करनी चाही, विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा। इसका सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। 

धनखड़ ने सदन में अव्यवस्था बनते देख कहा कि सदन में सभी दलों के नेता साढ़े ग्यारह बजे उनके चेंबर में उनके साथ बैठक में आमंत्रित हैं। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के चलते बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक एक दिन भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पायी है। 

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