Amritpal Singh News : खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर उत्तराखंड पुलिस की पैनी नजर 

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Published By Shweta Kalakoti
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उत्तराखंड, अमृत विचार। उत्तराखंड पुलिस खालिस्तानी समर्थक नेता अमृतपाल सिंह की तलाश में जुट गई है, जो वर्तमान में फरार चल रहा है।

पंजाब पुलिस की ओर से 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसके बीच नजदीकी राज्य उत्तराखंड की पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि अमृतपाल सिंह का समर्थन करने वालों और सोशल मीडिया पे उसके समर्थन में पोस्ट करने वालों पर कड़ी निगरानी राखी जा रही है। 

शनिवार को शुरू हुई कार्रवाई के बाद इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं को मंगलवार दोपहर तक रोक बढ़ा दिया गई है। इससे पहले सोमवार को पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सुखचैन सिंह गिल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि मामले में आईएसआई एंगल और विदेशी फंडिंग का बड़ा संदेह है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई शुरू होने के बाद से अब तक कुल 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले, पंजाब पुलिस ने सूचित किया कि अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, और उनके चाचा डिब्रूगढ़ के रास्ते में हैं। इससे पहले, अमृतपाल सिंह के चार करीबी सहयोगी को हिरासत में लेकर असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया था।  

इससे पहले केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया था कि अमृतपाल सिंह के कथित सलाहकार और फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी उर्फ सरबजीत सिंह कलसी को अधिकारियों ने रविवार को गिरफ्तार किया था। 'वारिस पंजाब दे' के मुख्य अमृतपाल सिंह द्वारा भागने के लिए इस्तेमाल किया गया वाहन भी पंजाब पुलिस द्वारा कई अन्य वाहनों और गोला-बारूद के साथ जब्त किया गया।

इस बीच, अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में अमृतपाल सिंह के आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है। पुलिस के अनुसार राज्य भर में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों में विश्वास जगाने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च भी किया। जालंधर के कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने शनिवार देर शाम को कहा कि कट्टरपंथी नेता को "भगोड़ा" घोषित कर दिया गया है।

अमृतपाल के समर्थकों में से एक, लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर 23 फरवरी को अमृतसर के बाहरी इलाके में अजनाला पुलिस स्टेशन में अमृतपाल के समर्थकों की वर्दीधारी कर्मियों के साथ झड़प के लगभग तीन सप्ताह बाद पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई।

उनके हजारों समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया, तलवारें और उच्च क्षमता वाली आग्नेयास्त्रों को दिखाया और पुलिस को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, अगर उन्होंने लवप्रीत तूफान को रिहा नहीं किया, जिसे एक व्यक्ति पर हमला करने और अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

 

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