संसदीय समिति सेना का पूंजीगत बजट बढ़ाए जाने के पक्ष में

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने पाकिस्तान और चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारतीय सेना का पूंजीगत बजट बढ़ाया जाना चाहिए ताकि दोनों दुश्मन पड़ोसियों से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाई जा सके। समिति ने सैन्य प्लेटफार्मों के स्वदेशीकरण की दिशा में रक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में 100 प्रतिशत अनुबंध मूल्य भारतीय विक्रेताओं को मिलेगा।

सेना के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए संसद की स्थायी समिति ने छद्म युद्धों का हवाला दिया। परोक्ष रूप से उसका इशारा जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार से जारी आतंकवाद की ओर था। समिति का मानना था कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए निर्धारित धन में हमेशा वृद्धि होती रहनी चाहिए। समिति की रिपोर्ट मंगलवार को लोकसभा में पेश की गई।

समिति ने यह भी इच्छा जताई कि आधुनिकीकरण या पूंजीगत बजट के तहत प्रतिबद्ध देनदारियों और नई योजनाओं के लिए एक अलग आवंटन होना चाहिए। परोक्ष रूप से पाकिस्तान और चीन का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया, हमारा खर्च हमारे पड़ोसियों के रक्षा खर्च में वृद्धि के अनुपात में होना चाहिए।

इसलिए समिति ने सिफारिश की है कि सेना का पूंजीगत बजट बढ़ाया जाना चाहिए ताकि कम से कम दो दुश्मन पड़ोसियों से निपटने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाई जा सके। समिति ने कहा कि 2023-24 के लिए नौसेना के लिए पूंजीगत परिव्यय 52,804.75 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया, इस अनुमान के खिलाफ समिति ने पाया कि इस साल का आवंटन नौसेना के लिए व्यावहारिक और सहायक है क्योंकि मंत्रालय ने वास्तव में अनुमान के अनुसार ही राशि आवंटित की है। हालांकि, यह अनुमान वर्ष 2022-23 में किए गए अनुमान से 14,818.21 करोड़ रुपये कम है। समिति ने कहा कि इससे यह भी संकेत मिलता है कि नई योजना के लिए नौसेना की आवश्यकताएं कम हो गई हैं जो इसके आधुनिकीकरण अभियान को प्रभावित कर सकती हैं।

समिति ने पिछले साल की तुलना में कम अनुमान के कारणों से अवगत कराने की सिफारिश की है। समिति ने सिफारिश की कि अगले साल से मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए शुद्ध बजट का एक अलग विवरण प्रदान किया जाना चाहिए, यह देखते हुए कि यह आर्थिक सिद्धांत के सभी पहलुओं में एक आवर्ती और अपरिहार्य घटना है जो नौसेना पर भी लागू होती है। 

ये भी पढ़ें : कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता बरकरार रखूंगा : बोम्मई 

संबंधित समाचार