Gayatri Prajapati: गायत्री प्रजापति ब्लैकमेलिंग मामले में महिला की जमानत अर्जी खारिज

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Published By Deepak Mishra
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विधि संवाददाता, लखनऊ,अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दुराचार के मुकदमे में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के पक्ष में बयान देने के लिए करोड़ों की जमीन और रुपये लेने की आरोपी चित्रकूट की महिला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने सुनवाई के पश्चात् पारित किया। याची के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि याची को इस मामले में झूठा फंसाया गया था । न्यायालय का कहना है की कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी ने वादी को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी और करोड़ों की जमीन अपने नाम कर लिया और जमीन पर कब्ज़ा न मिलने पर वादी को धमकी देती रही।

सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की कम्पनी के निदेशक रहे बृज भुवन चौबे ने 17 सितम्बर 2020 को गोमती नगर विस्तार में आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अनिल प्रजापति और चित्रकूट की उक्त महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

एफआईआर में आरोप लगाया गया कि चित्रकूट की रहने वाली उक्त महिला ने पूर्व में गायत्री प्रजापति समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और इस मुकदमे में गायत्री प्रजापति के पक्ष में दुराचार पीड़िता का बयान कराने के लिए आरोपियों ने वादी की पत्नी की गोमती नगर विस्तार स्थित जमीन को धमकी दिलाकर जबरन चित्रकूट निवासिनी उक्त दुराचार पीड़िता के नाम करवा दिया।

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