अश्वेत बच्चों को निर्वस्त्र कर जांच की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

अश्वेत बच्चों को निर्वस्त्र कर जांच की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

लंदन। इंग्लैंड और वेल्स में पुलिस द्वारा अश्वेत बच्चों को निर्वस्त्र कर जांच करने की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बाल आयुक्त रैशेल डीसूज़ा ने पाया कि 2018 से 2022 के बीच तकरीबन तीन हजार बच्चों की निर्वस्त्र कर जांच की गई और आधे से ज्यादा मामलों में तलाशी के दौरान कोई वयस्क व्यक्ति मौजूद नहीं था।

साल 2020 में लंदन के एक स्कूल में मारिजुआना (नशीला पदार्थ) रखने के संदेह में 15 वर्षीय एक लड़की की, वयस्क जांचकर्ता की अनुपस्थिति में दो महिला अधिकारियों ने तलाशी ली थी। लड़की उन दिनों माहवारी के दौर से गुजर रही थी और उसके पास से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ थे। इसके बाद जांच शुरू की गई थी। पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि अपमानजनक तरीके से तलाशी लेने का कारण नस्लवाद हो सकता है। डीसूज़ा ने कहा कि रिपोर्ट में पाया गया है कि व्यापक तौर पर सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया जाता है और यह बेहद चिंताजनक चलन का सबूत है।

नई रिपोर्ट कहती है कि आठ साल तक की उम्र के बच्चों की मनोरंजन पार्क या गाड़ियों में तलाशी ली जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 2,847 बच्चों की तलाशी ली गई है उनमें एक तिहाई से ज्यादा बच्चे अश्वेत थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आबादी के हिसाब से अश्वेत बच्चों की तलाशी की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा है। डिसूज़ा ने कहा कि निर्वस्त्र कर तलाशी जरूरी हो सकती है लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए ''मजबूत सुरक्षा उपाय'' भी होने चाहिए। एक प्रवक्ता ने कहा कि गृह मंत्रालय बच्चों की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेता है। 

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