बरेली: 'B.com चायवाला'...'BTC चायवाला', किसी ने शौक के लिए तो किसी ने कुछ करने की ठानी     

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Published By Vishal Singh
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अशप्रीत सिंह/बरेली, अमृत विचार। पिछले कुछ वर्षों से रोजगार का मुद्दा गर्म है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पकौड़े तलने को रोजगार से जोड़ने पर सियासत और गरमा गई थी। हालांकि इस पर राजनैतिक गलियारों में ख़ूब बहस छिड़ गई। लेकिन देश के युवाओं ने इसे बहुत ही गंभीरता से लिया और इसे ही रोजगार का जरिया बना लिया। वैसे हम भारतीयों के दिल में चाय और पकौड़े का विशेष स्थान है। वहीं चाय के बिना तो दिन की शुरुआत भी अधूरी ही रहती है। भारत में चाय सिर्फ एक ड्रिंक नहीं, बल्कि एक इमोशन है। मौसम चाहे कोई भी हो, बस हाथ में एक कप चाय हो। चाय बातों का जरिया और रिश्तों में गर्माहट बनाने की वजह बन जाती है। बीते कुछ सालों में चाय से जुड़े कुछ स्टार्टअप्स ने खूब सुर्खियां बटोरी है। इन्हीं में से एक स्टार्टअप एमबीए चायवाला भी है। जिसे आज देश भर के लोग जानते हैं। इतनी अच्छी डिग्रियों के बाद चाय का स्टॉल खोलना कुछ लोगों को अजीब लग सकता है। लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए की एमबीए चायवाला अपने इस बिजनेस से अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं। अब यही रंग बरेली के युवाओं पर भी चढ़ने लगा है। बरेली में भी डिग्रीधारी युवाओं ने अपने चाय के स्टॉल्स खोल लिए हैं।

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"मां ने कहा था कोई काम छोटा नहीं होता"
बरेली में बटलर प्लाजा के सामने एम.कॉम चायवाला के नाम से अपना चाय का स्टॉल लगाने वाले शुभम बताते हैं, जब वह जॉब सर्च कर रहे थे तो अपने बायोडाटा में अपनी डिग्री को दर्शाते थे। वहीं जब टी-स्टॉल शुरू किया तो उन्होंने अपनी डिग्री को रिज्यूम से उठाकर अपने बिजनेस का नाम रख दिया "एम.कॉम चायवाला"। शुभम आगे कहते हैं कि वह ताज होटल, होटल हयात, होटल लीला जैसे बड़े होटलों में भी काम कर चुके हैं। 8 से 9 सालों के अनुभव के बाद उन्होंने अपना काम शुरू करने के बारे में सोचा। देश में बेरोजगारी तो है, यह मानते हुए शुभम ने कहा, अगर आप के अंदर कुछ करने का जज़्बा है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। आप शिक्षा नौकरी के लिए नहीं पाते, बल्कि ज्ञान के लिए हासिल करते हैं। आज कई लोग सोचते हैं हम पढ़े-लिखे हैं यह काम नहीं कर सकते, तो उनके लिए मैं कहता है कि मेरी मां ने कहा था कि "कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है"। बस दो चीजें गलत होती हैं, एक भीख मांगना और दूसरा चोरी करना। अगर आप मेहनत से कोई भी काम करें तो आपका हर काम सफल होता है।  

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बीटीसी डिग्री नहीं, यह है "बरेली का टीचर चायवाला" 
वहीं स्मार्ट सिटी में सेटेलाइट बस स्टैंड के पास "बीटीसी चायवाला" नाम से स्ट्रॉल लगाने वाले अनिल बताते हैं कि उन्होंने अपनी बीटीसी की पढ़ाई 2020 में पूरी कर ली थी। इसके बाद उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन सैलरी कम होने की वजह से उनका गुजारा नहीं हो पा रहा था। इसके बाद उन्होंने अपना खुद का कोई काम करने की ठानी जो कम बजट में किया जा सके। उसके बाद उन्होंने अपना चाय का स्टॉल खोल लिया। अनिल ने बताया कि एक दिन एमबीए चायवाला के बारे में सुना और ऐसे कई युवा थे, जो इस तरह के नाम रखकर अपना रोजगार कर रहे हैं। जिसकी तर्ज पर उन्होंने भी अपने स्टॉल का नाम बीटीसी चायवाला रख लिया। अनिल ने बताया बीटीसी उनकी डिग्री से नहीं, बल्कि बीटीसी का मतलब है- "बरेली का टीचर चायवाला"। उन्होंने आगे कहा यह काम शुरू करते वक्त थोड़ा-सा अजीब जरूर लगा था। लेकिन अब ठीक है, वहीं कुछ लोग तो कहते ही हैं, उन्हें इग्नोर कर देता हूं। वहीं अनिल कहते हैं अगर आपके पास नौकरी की जरूरत है, तो आपको अपना काम करना चाहिए। क्योंकि ईमानदारी से किया गया कोई भी काम कभी छोटा नहीं होता।

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अपने शौक को बना लिया पेशा
आज के समय में महिलाओं के सशक्तिकरण की बात हर प्लेटफॉर्म पर हो रही है। महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। ऐसा ही कुछ बरेली में भी देखने को मिल रहा है। जहां एक छात्रा ने अपना चाय का स्ट्रॉल लगाया है। जिसका नाम बरेली चायवाली रखा है। स्टॉल पर काम कर रही छात्रा ने बताया कि उसका नाम रजनीश है, लेकिन स्टॉल पर पहुंचने वाले सभी लोग मुझे चायवाली के नाम से ही जानते हैं। मुझे बचपन से ही चाय बनाने और पीने का शौक था और मैं अपना खुद का कोई काम करना चाहती थी, ताकि मैं अपना खर्च खुद उठा सकूं। इसलिए मैंने यह स्टॉल लगाया है।

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