UPSCERT: पहली बार टॉप मैनेजमेंट संस्थान IIM लखनऊ में इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व समूह ख अधिकारियों का शुरू प्रशिक्षण, जानिए क्या होंगे फायदें 

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Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ। राजधानी सहित प्रदेश भर के राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने व मैनजेंट की व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद शुरू हुई है। इसके साथ ही अब शिक्षा विभागों में भी गुणवत्ता पूर्ण कार्य टाइम मैनेजमेंट के साथ पूरे होंगे। क्योंकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( यूपीएससीईआरटी) की पहल पर राजकीय विद्यालयों में तैनात प्रधानाचार्य व समूह ख के अधिकारियों को कस्टमाइज्ड मैनेजमेंट डेवलमेण्ट प्रोग्राम आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुका है।

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आईआईएम लखनऊ में शुरू हुए प्रशिक्षण में शामिल होने वाले प्रधानाचार्य और समूह ख अधिकारियों के साथ यूपीएससीईआरटी की निदेशक डॉ अंजना गोयल-फोटो अमृत विचार

 

पहली बार आईआईएम में प्रशिक्षण मिलने के बाद विद्यालयों में बेहतर बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है साथ ही बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यशैली में बदलाव देखने को मिलेंगे। सोमवार को आईआईएम में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत करने पहुंचे एससीईआरटी की निदेशक डॉ अंजना गोयल ने बताया कि इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यो व सह जिला विद्यालय निरीक्षकों के लिए सभी के समग्र विकास के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के दिशा निर्देशन में एससीईआरटी की ओर से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। निदेशक ने कहा इस प्रशिक्षण के बाद आने वाले दिनों में इंटर कॉलेजों में शैक्षिक और मैनेजमेंट की गुणवत्ता बेहतर होगी। इसके साथ ही विभागों में भी बेहतर बदलाव देखने को मिलेंगे।  

व्यवहारिक प्रशिक्षण भी जरूरी
निदेशक डॉ अंजना गोयल ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से सभी प्रतिभागी अपनी व्यवहारिक कठिनाईयों का मैनेजमेण्ट गुरूओं के माध्यम से समाधान खोजेगें तथा विद्यालय के शैक्षिक वातावरण को उच्चतर बनायेगें। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण की आईआईएम निदेशक, प्रोफेसर अर्चना शुक्ला, डीन प्रोफेसर अजय गर्ग, प्रोफेसर निशांत उप्पल, कोर्स डायरेक्टर डॉ क्षितिज अवस्थी, जनरल मैनेजर एमडीपी डॉ अंजू शर्मा की ओर से एससीईआरटी के सहयोग से विद्यालयी अवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की गयी है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रशिक्षण 
डॉ अंजना गोयल के मुताबिक यह प्रशिक्षण छः दिन का आवासीय प्रशिक्षण है जिसमें माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, समय प्रबन्धन, रणनीतिक दृष्टि और प्रतिबध्यता, वित्तीन प्रबन्धन टीम भावना से कार्य करना, नवाचार को प्रोत्साहन तनाव प्रबन्धन नेतृत्व क्षमता विकास के विषयों पर प्रबन्धनकीय कौशलों से रूबरू कराते हुये सुसज्जित किया जायेगा । अप्रैल माह में भी यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आईआईएम लखनऊ में कराया जायेगा। जिससे विद्यालय विकास का बेहतर विज़न विकसित कर मिशन मोड में कार्य कर सकेंगे।

प्रशिक्षण के बाद प्रधानाचार्य ये सुविधायें करेंगे बेहतर 
- प्रत्येक विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला की व्यवस्था होगी
- प्रत्येक विद्यालय में कंप्यूटर लैब जिसमें कम से कम 10 कंप्यूटर होंगे
- प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास होगी
- स्विफ्ट चैट एप के माध्यम से चैट बाट की व्यवस्था
- बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ई-कंटेंट की व्यवस्था

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