श्री अन्न योजना: प्राकृतिक व गोबर खाद से होगी मोटे अनाज की पैदावार
मोटे अनाज की खेती के लिए सभी विकाखंडों में शुरू हुई सर्वे का प्रक्रिया
अमृत विचार, अयोध्या। मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई श्री अन्न योजना को कृषि विभाग ने धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग की ओर से जनपद में प्राकृति विधा व गोबर खाद पर आधारित मोटे अनाज की खेती के लिए सभी विकासखंड में सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हालांकि दो विकास खंड सोहावल व पूराबाजार को 1200 हेक्टेयर में खेती के लिए पहले ही चयनित किया जा चुका है। शेष विकासखंडों की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र ने बताया गया कि जनपद में पहले से ही मोटे अनाज में शामिल मक्का, ज्वार व बाजरा की खेती होती है, इसके लिए जल्द ही सावां, कोदो, रागी व अन्य की खेती भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि श्री अन्न योजना के तहत प्राकृतिक विधा व गोबर खाद पर आधारित मोटे अनाज की खेती को प्राथमिकता दी जा रही है, इसके लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद के सभी 11 विकासखंडों में एडीओ (एजी) गांव स्तर पर सर्वे के निर्देश दिए गए हैं, सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मोटे अनाज के बीजों की उपलब्ध कराया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि प्राकृतिक विधा व गोबर खाद पर आधारित खेती से फसलों का उत्पादन तो अच्छा होगा ही साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी।
1200 हेक्टेयर में खेती करेंगे 3500 किसान
जिला कृषि अधिकारी के अनुसार प्राकृतिक विधा व गोबर खाद पर आधारित 1200 हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती के लिए सोहावल व पूराबाजार का चयन पहले ही किया जा चुका है। 1200 हेक्टेयर में लगभग विकासखंड के 3500 किसान खेती करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन 3500 किसानों में से 2500 किसान मोटे अनाज की खेती जरूर करेंगे।
बरसात के मौसम में होती है मोटे अनाज की खेती
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि मोटे अनाज की खेती जून (बरसात के मौसम) में शुरू हो जाती है। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जो किसान खेती करना चाहते हैं, उसी आधार पर बीज की उपलब्धता कराई जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि खेती शुरू होने से पहले ही शासन की ओर से मई में बीजों का आवंटन हो सकता है।
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