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रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को घटाकर 5.2 प्रतिशत किया
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बृहस्पतिवार को मामूली घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया। हालांकि रिजर्व बैंक ने यह माना कि प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बढ़ने से मुद्रास्फीति के मामले में भविष्य में जोखिम पैदा हो सकता है। फरवरी में हुई पिछली मौद्रिक समीक्षा में मुद्रास्फीति के 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने के फैसले से मुद्रास्फीति का परिदृश्य गतिशील बना हुआ है। दास ने कहा कि सामान्य मानसून के बीच यदि कच्चे तेल के दाम औसतन 85 डॉलर प्रति बैरल पर रहते हैं तो चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहेगी। जून तिमाही में मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। सितंबर और दिसंबर तिमाही में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। उसके बाद मार्च, 2024 की तिमाही में इसके फिर से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।
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