Bareilly News: साफ मौसम में बेपरवाह ड्राइविंग कोहरे से भी ज्यादा खतरनाक

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। इंट्रिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस यानी आईराड एप की रिपोर्ट बेपरवाही से ड्राइविंग की वजह से भी सबसे ज्यादा सड़क हादसे होने की ओर इशारा करती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन साल में कोहरे और धुंध से भी सड़क हादसे साफ मौसम में हुए हैं और इन्हीं हादसों में सबसे ज्यादा जानें गईं हैं। माना जा रहा है कि दोनों अलग-अलग हालात में सड़क हादसों का यह अंतर सतर्कता और लापरवाह होकर गाड़ी चलाने की वजह से ही है।

आईराड पर दर्ज सूचनाओं के अनुसार 1 जनवरी 2021 से लेकर 13 जनवरी 2024 तक जिले में 2,465 सड़क हादसाें में 1,337 लोगों की मौतें हुई हैं। इन सड़क हादसों के दौरान मौसम के बारे में पुलिस की ओर से एप पर भरी सूचनाओं के मुताबिक इस अंतराल में सबसे ज्यादा 1968 सड़क हादसे साफ माैसम में हुए, जिनमें 1039 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 1242 लोग गंंभीर करीब एक हजार लोग मामूली रूप से घायल हुए। इसके बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 220 हादसे धुंध और कोहरे के दौरान हुए जिनमें 126 लोगों ने जान गंवाई और 131 लोग गंभीर और 82 लोग मामूली घायल हुए।

रिपोर्ट के अनुसार तीन साल में 126 हादसे ऐसे समय पर हुए, जब आसमान में बादल छाए हुए थे। इनमें 86 लोगों की मौत हुई और 64 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। करीब 80 लोगों को मामूली चोटें आईं। 30 सड़क हादसे उस दरम्यान में हुए, जब हल्की बारिश हो रही थी। इनमें 21 लोगों की जानें गईं और 19 लोग गंभीर और इतने ही लोग मामूली घायल हुए। तेज बारिश में सिर्फ चार सड़क हादसे हुए, जिनमें चार लोगों की मौत और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि सात को मामूली चोटें आईं हैं।

धूल के गुबार उड़ने यानी आंधी जैसे मौसम के दौरान सिर्फ एक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की जान गई और कोई जख्मी नहीं हुआ। तेज हवा के दौरान हुए चार सड़क हादसों में तीन लोगों की मौतें हुईं। एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ और दो को मामूली चोट आई। इसके अलावा दूसरी वजहों से 67 और हादसे हुए, जिसमें 40 लोग मारे गए।

मारे गए तमाम लोगों पर नहीं था ड्राइविंग लाइसेंस
सड़क हादसों के बारे में पुलिस की ओर से एप पर दर्ज की गई एक प्रमुख सूचना यह भी है कि लाइसेंस न होने के बावजूद तमाम लोग गाड़ी चला रहे थे। तीन साल के आंकड़े के मुताबिक 215 हादसों में मरने वाले 134 लोगों के पास ही परमानेंट लाइसेंस पाया गया। 1265 हादसों में मरने वाले 673 के पास लाइसेंस था या नहीं, इसका पता नहीं चल सका। चार सड़क हादसों में मरने वाले दो लोगों के पास लर्निंग लाइसेंस मिला। इसके अलावा 53 सड़क हादसों में मरने वाले 30 लोग बिना लाइसेंस गाड़ी चला रहे थे। इसी तरह 348 ऐसे हादसे हुए, जिसमें जान गंवाने वाले 232 लोगों के पास लाइसेंस नहीं मिला।

एप में कई और बिंदुओं पर भरी जाएंगी सूचनाएं
सूचनाओं के विश्लेषण और एप को अपडेट रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु शर्मा बताते हैं कि एप को और अपडेट करने की दिशा में काम चल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ समय में एप पर कई और बिंदुओं पर सूचनाएं रिकॉर्ड की जाएंगी। इससे सड़क हादसों की और वजहें भी साफ हो पाएंगी।

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