लखनऊ: जनरथ बसों में किराया एसी का, यात्री सुविधा साधारण बस जैसी
परिवहन मंत्री का बेहतर सुविधा देने का दावा,अधिकारी लगा रहे पलीता
लखनऊ/अमृत विचार। रज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से प्रदेश में चलाई जा रही रोडवेज जनरथ एसी बसों में यात्रियों को गर्मी शुरु होते ही एसी की ही सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बसों में सुविधाओं का टोटा है। इन बसों में किराया तो एसी का लिया जाता है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है।
एसी खराब होने, मोबाइल चार्जर काम नहीं करने को लेकर आए दिन परिचालकों व यात्रियों के बीच बहस होती है। जनरथ बस से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को सफर के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
रोडवेज की जनरथ बसों में बेहतर सुविधाएं मिलने और सुरक्षित सफर को लेकर आये दिन परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह दावा करते है लेकिन हकीकत में बसों के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी उनकी मंशी पर पानी फेर रहे हैं।
ऐसे में मंत्री का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। बसों में पैनिक बटन तो दिखाई ही नहीं देते। ऐसे में महिलाओं,छात्राओं का सफर सुरक्षित नहीं है। परिवहन निगम की हेल्पलाइन नंबर पर जनरथ बसों में एसी नहीं चलने,मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट नहीं चलने,सीटे टूटी होने की 3000 से अधिक शिकायतें की गई है।
यात्रियों ने कमियां बताया कि बीते शुक्रवार को जनरथ बस में सफर कर वाराणसी पहुंचे एक दर्जन से अधिक यात्रियों ने बस में सुविधाएं नहीं होने पर नाराजगी जताई।अवधेश दूबे ने बताया कि किराया तो एसी बस का लिया जाता है लेकिन मोबाइल चार्ज करने के लिए बने स्विच तक खराब पड़े हैं। जल्दबाजी में निकले थे, यह सोचकर की बस में मोबाइल चार्ज कर लेंगे।
हालांकि स्विच ठीक नहीं होने से मोबाइल चार्ज नहीं कर सके। जावेद बताते हैं कि काम के सिलसिले में अक्सर वाराणसी से लखनऊ आना-जाना लगा रहता है। वातानुकूलित बस का हाल खराब हो चला है। अब बस अड्डे के बाहर लगीं कार से सफर करना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। इससे समय भी बचता है। यात्रियों ने कहा कि बस के बजाय ट्रेन का सफर ही बेहतर । ट्रेन से बस का किराया भी अधिक है।
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