UP Nikay Chunav 2023 : चुनाव की बजी रणभेरी, दावेदारों के सियासी मठ हुए गुलजार

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Published By Bhawna
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केंद्र,राज्य के बाद शहर की सरकार को भाजपा केंद्रित, पांच साल चुप रहने वाले गैर भाजपाई दावेदार सक्रिय

आशुतोष मिश्र,अमृत विचार। लंबी उठापटक के बीच रविवार को निकाय चुनाव की रणभेरी बज गयी। राजधानी में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही दावेदारों के मठ गुलजार हो गए। भाजपा के रणनीतिकार तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाने में जुट गए। क्योंकि पूर्वांचल दौरे पर मुख्यमंत्री ने सभाओं में इस बात के संकेत दे दिए थे। विकास को असरदार तरीके से जमीन पर उतारने के लिए लोगों का भरपूर साथ मांगा था। 

भाजपा का पत्ता खुलना बाकी है। समाजवादी पार्टी में यहां मेयर के टिकट मांगने वालों की लंबी शृंखला है। बसपा प्रमुख ने दमदार तरीके से चुनाव की घोषणा कर रखी है। कांग्रेस के दावेदार पार्टी आलाकमान तक दावेदारी पेश कर चुके हैं। साल 2017 के चुनाव में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया था। यह दीगर है कि पांच साल के दौरान निकाय की राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले गैर भाजपाई कहीं चौपाल पर नजर नहीं आए। अब जरूर मेयर से लेकर पार्षद पद के दावेदार अपने-अपने चोले में सामने हैं। 

उधर, शासन द्वारा पदों के आरक्षण की सूची जारी होते ही लोगों को नजर संभावित उम्मीदवारों को खोजने में जुट गयी है। जबकि, यहां निर्दलीय तौर पर मेयर पद के लिए तकदीर आजमाने वाला कोई चेहरा चर्चा में नहीं है। यह भी सच है कि मेयर का चुनाव यहां कई राजनीतिक मठों की प्रतिष्ठा का प्रश्न जरूर बनेगा। सबसे अधिक चुनौती कांग्रेस के सामने होगी। उसे यहां पिछले चुनाव में जबरदस्त जनसमर्थन मिला था। भाजपा को सीट बचाने की जद्दोजहद करनी होगी। सपाई नियंताओं के लिए यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा की परीक्षा होगी। जबकि, बसपा अपनी रणनीति में कितना कामयाब होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

23 साल पहले शहर को पहली महिला मेयर
वर्ष 1995 में मुरादाबाद नगर निगम का गठन हुआ। इससे पहले इसे नगर पालिका का दर्जा था। अभी तक पांच चुनावों में तीन बार भाजपा और दो बार सपा ने जीत दर्ज की है। वर्ष 2000 में भाजपा की बीना अग्रवाल पहली महिला मेयर बनीं। बीना अग्रवाल 2000 और 2012 में दो बार मेयर बनीं थी। वर्ष 2016 में बीना अग्रवाल के निधन पर उप चुनाव हुआ था, तब विनोद अग्रवाल मेयर बने थे।  2017 के चुनाव में भी भाजपा के विनोद अग्रवाल ने अपना कब्जा बरकरार रखा। उधर, नगर निगम के पहले मेयर बनने का अवसर हुमायूं कदीर को मिला था।

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तारीखों का एलान, 9,47,506 मतदाता लिखेंगे प्रत्याशियों की तकदीर
मुरादाबाद। नगर निकाय चुनाव के लिए तारीखों का एलान होते ही दावेदारों में हलचल बढ़ गई। शासन की ओर से चार और 11 मई को दो चरण में चुनाव कराने की घोषणा से हर जिले में सक्रियता बढ़ गई। मंडल के सभी पांच जिलों में पहले चरण में चार मई को वोट पड़ेंगे। जबकि 13 मई को नतीजे घोषित होंगे।  एक अप्रैल को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद केवल तारीखों का इंतजार था। जो रविवार को समाप्त हो गया। एक अप्रैल को जिला स्तर पर मतदाता सूची जारी हुई जिसमें नवंबर में जारी सूची के अनुसार 9,38,424 की जगह मतदाताओं की संख्या बढ़कर 9,47,506 हो गई। नयी सूची में जिले में 9082 मतदाता बढ़े हैं। अब इन्हीं मतदाताओं के ऊपर प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत लिखने का दारोमदार होगा। इनके हाथ में निकायों के सिरमौर की राजनीतिक तकदीर का फैसला 13 मई को होगा।

अगवानपुर, ढकिया, उमरी कलां नगर पंचायत अनारक्षित
मुरादाबाद। नगर निकाय चुनाव को देखते हुए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने नगर पंचायतों और अन्य निकायों के आरक्षण की सूची जारी कर दी है। इसमें जिले में आठ नगर पंचायतों में से तीन अनारक्षित हैं। जबकि एक अनुसूचित जाति महिला, एक महिला, एक पिछड़ी जाति महिला और दो नगर पंचायतों को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।  रविवार को जारी अंतिम आरक्षण सूची में जिले की नगर पंचायत अगवानपुर, ढकिया, उमरी कला को अनारक्षित रखा गया है। जबकि नगर पंचायत महमूदपुर माफी अनुसूचित जाति महिला, कांठ और पाकबड़ा को पिछड़ा वर्ग, कुंदरकी नगर पंचायत को महिला और भोजपुर धर्मपुर को पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया। आरक्षण सूची के अंतिम रूप से जारी होने के बाद अब यहां चुनाव की हलचल तेज हो गई है।

नगर निगम और नगर पालिकाओं में इंतजार
मुरादाबाद। नगर पंचायतों की अंतिम आरक्षण सूची जारी होने के बाद अब सबकी नजर नगर निगम के महापौर और नगर पालिका के अध्यक्ष पद के आरक्षण की अंतिम सूची पर टिक गई है। माना जा रहा है कि इन पर राजनीतिक पेच अधिक होने की वजह से इसे अभी जारी नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद इसे जारी किया जाएगा।

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