Atiq Ahmed Son Asad Encounter : अतीक-असद की संपत्ति पता कर रही पुलिस, गुर्गों का पता करने के लिए खुफिया टीम सक्रिय

Atiq Ahmed Son Asad Encounter कानपुर में अतीक-असद की संपत्ति का पुलिस पता कर रही।

Atiq Ahmed Son Asad Encounter : अतीक-असद की संपत्ति पता कर रही पुलिस, गुर्गों का पता करने के लिए खुफिया टीम सक्रिय

Atiq Ahmed Son Asad Encounter कानपुर में अतीक-अहद की संपत्ति का पुलिस पता कर रही। कानपुर से अतीक का जुड़ाव प्रशासन को यहां उससे जुड़ी संपत्ति होने का संकेत दे रहा।

कानपुर, अमृत विचार। Atiq Ahmed Son Asad Encounter असद के नाम पर जमीनों का पता लगाने के लिए खुफिया टीमें सक्रिय हो गई हैं। अतीक अहमद से जुड़े गुर्गों का पता कर यह खुलासा करने की कोशिश में अधिकारी जुटे हैं। 

प्रयागराज का डॉन अतीक अहमद अपने वर्चस्व का विस्तार करना चाहता था। इसलिए वह कानपुर में भी अपने गुर्गों की भीड़ बढ़ा रहा था। अतीक हिस्ट्रीशीटर था, ऐसे में वह संपत्ति में सीधे तौर पर नाम सामने नहीं लाना चाहता था। सूत्रों की माने तो उसने अपने करीबियों और टीम में शामिल लोगों के नाम संपत्ति एकत्र की है। इसकी पुष्टि करने के लिए खुफिया टीम को सक्रिय कर दिया गया है।

इस मामले में अधिकारी अभी कुछ भी खुलकर नहीं बता रहे हैं। एक अधिकारी का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में कार्रवाई चल रही है। यदि अतीक व असद से जुड़ी कोई संपत्ति जिले में होती है तो उस पर कार्रवाई होगी।

पांच करोड़ की कार से आया 

छावनी विधान सभा से सपा का टिकट मिलने के बाद अतीक पाँच करोड़ से ज़्यादा कीमत वाली अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स की हमर कार से पहुंचा था। विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ हुआ करता था। छावनी सीट भाजपा का गढ़ कही जाती था, इसे ही फतेह करने के लिए समाजवादी पार्टी ने माफिया अतीक अहमद पर दांव खेला था। उसने लाल बंगला में चुनाव दफ्तर खोल और एक मकान भी खरीदा था। 

चुनाव जीतकर स्क्रैप का कारोबार करना चाहता था  

छावनी सीट से अतीक अहमद की दावेदारी से  पहले ही विधानसभा क्षेत्र में उसके पोस्टर लगा दिए गए थे। ये पोस्टर किसने लगवाए थे, आज तक पता नहीं चला है। अतीक ने यहां पर रहने के लिए कैंट स्थित एक बंगला खरीदने को बयाना भी दे दिया था। चुनावी सभा में उसने कहा था कि वह चुनाव बाद भी यहीं रहेगा। वह अब प्रयागराज नहीं जाएगा लेकिन टिकट कटने से उसका खेल बिगड़ गया और वापस लौटना पड़ा। 

माफिया अतीक अहमद के कानपुर आने के दो मकसद थे। पहला कैंट विधानसभा सीट जीतना था। दूसरा रेलवे के स्क्रैप का काम करना। वह उस समय पांच दिन शहर में रुका था। लेकिन इस दौरान सफेदपोश कारोबारियों समेत कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग उसके संपर्क में आ गए, जो अतीक के यहां से जाने के बाद भी उसके या उसके गुर्गों के संपर्क में रहे।

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