बरेली : ऑनलाइन आवेदन करने पर ही शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगी छुट्टी

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Published By Om Parkash chaubey
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आकस्मिक चिकित्सा, मातृत्व अवकाश के शिक्षक करेंगे ऑनलाइन आवेदन, सभी शिक्षकों को मिलेगा यूजर आईडी और पासवर्ड

बरेली, अमृत विचार : राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में अब प्रधानाचार्य, शिक्षकों और कर्मचारियों को भी अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन स्वीकृत होने के बाद ही शिक्षकों को अवकाश मिलेगा। शनिवार से जनपद के सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में यह व्यवस्था लागू हो गई । इससे पहले 1 अप्रैल से शैक्षिक सत्र की शुरुआत के साथ राजकीय स्कूलों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है।

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अभी तक साठगांठ कर शिक्षक और कर्मचारी छुट्टी पर रहने के बावजूद उपस्थित पंजिका में खुद को उपस्थित दर्ज कराते थे, लेकिन अब छुट्टी के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र देने के बजाय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक शिक्षक एवं कर्मचारियों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।

माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों और कर्मचारियों को आकस्मिक, चिकित्सा, उपार्जित बाल्य देखभाल और मातृत्व अवकाश के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अवकाश स्वीकृत करने वाले अधिकारी का मानव संपदा आईडी नंबर भरने के बाद उसे रिपोर्टिंग अफसर की ओर से निर्धारित समय में स्वीकृत करना होगा।

इसके अलावा पोर्टल पर सेवा पुस्तिका एवं शिक्षक से संबंधित समस्त विवरण सुरक्षित रहेगा। इसके लिए हर शिक्षक को यूजर आईडी तैयार की गई है । इससे उच्चाधिकारियों के संज्ञान में अवकाश पर जा रहे शिक्षकों की जानकारी रहेगी।

अनुपस्थिति के बावजूद उपस्थित दर्शाए जाते हैं शिक्षक: विभागीय सूत्रों के मुताबिक प्रधानाचार्य को शिक्षक और कर्मचारी प्रार्थनापत्र देकर छुट्टी पर चले जाते थे। इस दौरान निरीक्षण होने की स्थित में प्रधानाचार्य अधिकारी को प्रार्थनापत्र दिखा देते थे। यदि कोई निरीक्षण नहीं हुआ तो प्रार्थनापत्र दरकिनार कर बाद में उपस्थिति आसानी से लग जाती है। उपस्थित दर्ज करने के लिए शिक्षक और कर्मचारियों से 5 हजार तक की वसूली भी होती है।

सहायता प्राप्त और राजकीय माध्यमिक स्कूलों में अवकाश को लेकर होने वाली गड़बड़ी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। शिक्षकों का शतप्रतिशत डाटा अपलोड होने के साथ ही इसे लागू कर दिया गया है। - सोमारू प्रधान, डीआईओएस

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