बरेली: बाजार में हजारों किस्म का इत्र... खूब महकेगी ईद
बरेली, अमृत विचार। इत्र लगाना सुन्नत है और इत्र लगाकर नमाज अदा करने का अलग ही महत्व होता है, लेकिन इन दोनों वजहों के साथ इत्र की मांग इसलिए भी काफी ज्यादा है क्योंकि यह मुस्लिम युवाओं का शौक भी है। इसी कारण इत्र की सेल हमेशा होती है लेकिन रमजान में कई गुना बढ़ जाती है। बाजार में सिंथेटिक और ऑर्गेनिक इत्र की हजारों किस्म हैं। ईद से पहले यह बाजार भी ग्राहकों की भीड़ संभालने में व्यस्त हो गया है।
कुतुबखाना के बाजार में सैयद जुबैर नियाजी इत्र का पुश्तैनी कारोबार संभालने वाले परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं। कहते हैं कि यहां उनकी दुकान 1939 से है। उनके वालिद सैयद जहीर हुसैन और दादा सैयद अजहर हुसैन के जमाने में आर्गेनिक इत्र ही बिकता था। सहसवान में उनके खुद के इत्र के कारखाने हुआ करते थे। बाद में कन्नौज से ही इत्र मंगाने लगे। कुछ साल पहले पारंपरिक इत्र की मांग घट गई और केमिकल युक्त इत्र बिकने लगा लेकिन अब चार-पांच साल से ऑर्गेनिक इत्र की मांग दोबारा बढ़ गई है। लोग इत्र की ऑनलाइन खरीदारी भी कर रहे हैं। सौदागरान के दुकानदार फैजान के मुताबिक ईद के लिए उन्होंने खास तैयारी की है। उनके पास इत्र की संदल गोल्ड, सुलतान, रूमानिया, फवाके, मुश्क और दाना जैसी किस्में मौजूद हैं।
सैयद कुद्दूस का दावा है कि उनकी दुकान में इत्र की ढाई हजार से ज्यादा किस्म मौजूद हैं। ज्यादातर वह इत्र कन्नौज से मंगाते हैं। इस वक्त अलसादात नाम का इत्र सबसे खास है जो पूरी तरह ऑर्गेनिक है और संदल, गुलाब आदि मिलाकर बनाया जाता है। आफाफ, गुलाब, शमामा, संदल, केवड़ा, खस के इत्र की भी की भी काफी मांग है।
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