अयोध्या: ग्राम पंचायतों में भुगतान की मनमानी पर कसेगा शिकंजा, निगरानी करेगी एजेंसी 

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Published By Jagat Mishra
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अमृत विचार, अयोध्या। ग्राम पंचायतों में कराए गए काम के नाम पर भुगतान करने में मनमानी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। अभी तक भुगतान के लिए प्रधान व सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर लेकर किसी एक कम्प्यूटर सेंटर पर मेला लगता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होने पाएगा। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने एक सॉफ्टवेयर गेट-वे बना दिया है। गेट-वे पर भी निगरानी रखने के लिए एक बाहरी चौकीदार आउट सोर्सिंग एजेंसी बैठा दी गई है, जो सॉफ्टवेयर से प्रधान व सचिव के काम व भुगतान पर सीधी नजर रखेगी। कोई भी गड़बड़ी किया तो एजेंसी उसकी रिपोर्ट करेगी। 

अभी तक पंचायतों में होने वाले कामों का ब्यौरा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड होता था। इस पोर्टल व प्रिया साफ्ट के सहारे बिल-बाउचर का भुगतान हो जाता था। इस काम के लिए अधिकांश ग्राम प्रधान व सचिव ब्लॉक व जिला मुख्यालय के कुछ कम्प्यूटर आॅपरेटरों की सेवा लेते थे। जहां से अपने डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर पार्टियों को भुगतान कर देते थे। अब वित्तीय वर्ष 2023-24 से होने वाला कोई भी भुगतान इसी पोर्टल के सहारे होगा। जिला समन्वयक दीपक कुमार ने बताया कि इसे प्रभावी किया गया है। 

लोकल गाइडेंस डायरेक्ट्री का होगा उपयोग
पोर्टल को ओपन करने के लिए ग्राम पंचायत की लोकल गाइडेंस डायरेक्ट्री का उपयोग करना होगा। यह गेट-वे भुगतान करने वाले कंप्यूटर की पहचान बताएगा। गेट-वे के सहारे ही प्रिया साफ्टवेयर पर भुगतान का बिल-बाउचर लोड करना है। सीधे प्रिया साफ्टवेयर पर बिल बाउचर अपलोड करने को गेट-वे से बाहर कराया गया काम माना जायेगा।

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