कर्नाटक विधानसभा चुनाव : भाजपा और जद S को चुनौती देने की तैयारी में किसान संगठन 

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

मांड्या (कर्नाटक)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भले ही सर्वोदय कर्नाटक पार्टी (एसकेपी) की बहुत चर्चा नहीं हो रही है लेकिन किसानों से जुड़ा यह संगठन पूरी गंभीरता से कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में उतरने की तैयारी में है। राज्य में 10 मई को मतदान है और कर्नाटक के कृषि प्रधान क्षेत्र के केंद्र मांड्या में ऐसा लग रहा है कि अभी तक चुनावी बुखार नहीं चढ़ा है। लेकिन सर्वोदय कर्नाटक पार्टी के कार्यकर्ता व्यस्त हैं।

ये भी पढ़ें - आबकारी मामला: मनीष सिसोदिया ने धन के लेन देन में संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं होने के आधार पर मांगी जमानत

पार्टी कार्यालय में लाए गए चुनावी पोस्टरों को ट्रकों पर लादने जैसी गतिविधियों से गुलजार है। ट्रकों पर लादे जा रहे पोस्टरों में पार्टी उम्मीदवार दर्शन पुत्तनैया का चेहरा प्रमुख है। वह दिवंगत किसान नेता के एस पुत्तनैया के पुत्र हैं और मांड्या जिले के मेलकोट निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।

कांग्रेस ने यहां किसी को टिकट नहीं दिया है और वह दर्शन का समर्थन कर रही है। इससे क्षेत्र में दर्शन का जद (एस) उम्मीदवार से सीधा मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है। यह सीट अभी जद (एस) के पास है। एसकेपी किसानों के संगठन कर्नाटक राज्य रैयत संघ की राजनीतिक शाखा है। संगठन के मुताबिक उसके 20 लाख से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं।

एसकेपी मेलकोट के अलावा मांड्या, विराजपेट, चित्रदुर्गा, बेलथांगडी और चामराज नगर सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है जहां वोक्कालिगा समुदाय के किसानों की खासी संख्या है। एसकेपी के अनुसार उसके 70 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवार युवा और पढ़े-लिखे हैं। पार्टी का कहना है कि उसका ध्यान ज्यादातर क्षेत्र से संबंधित मुद्दों तक ही सीमित है और उनका प्रयास मतदाताओं को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर झुकने से रोकना है।

एसकेपी के राज्य महासचिव प्रसन्ना एन गौड़ा ने कहा, "हमने अपने सभी सदस्यों से कहा है कि वे भाजपा को वोट नहीं दें क्योंकि यह किसान विरोधी पार्टी है। हम जिन क्षेत्रों में चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, वहां हमने किसी अन्य राजनीतिक दल के खिलाफ कोई राजनीतिक रूख नहीं अख्तियार किया है।’’ इस बीच, अपने कंधे पर हरे रंग की शॉल के साथ युवा दर्शन पुत्तनैया पार्टी सहयोगियों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करने में व्यस्त हैं।

अमेरिका में पढ़े दर्शन कर्नाटक राज्य रैयत संघ के महासचिव हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यहां सत्ता विरोधी लहर है और लोग एक स्थिर सरकार चाहते हैं। कर्नाटक में किसान उत्तेजित हैं और वे किसी स्थिर सरकार की तलाश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने किसानों और युवाओं के हित में कुछ नहीं किया है।

उन्होंने कहा, "वोक्कालिगा के जद (एस) को समर्थन देने की अवधारणा बदलने जा रही है, युवा वर्ग जाति के आधार पर नहीं बल्कि उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर मतदान करने जा रहे हैं। किसान भी जाति से परे जा कर मतदान करेंगे।’’

ये भी पढ़ें - राहुल गांधी मामला, कोर्ट का निर्णय कानूनी रूप से गलत, जल्द देंगे चुनौती: कांग्रेस

संबंधित समाचार