असम: अमृतपाल पहुंचा डिब्रूगढ़ जेल, कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया विशेष कोठरी में 

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Published By Om Parkash chaubey
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डिब्रूगढ़ (असम)। पंजाब से अमृतपाल सिंह को लेकर एक विशेष विमान रविवार को असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पहुंचा, जहां से खालिस्तान समर्थक अलगाववादी को केंद्रीय कारागार ले जाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘ बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच एक काफिला अमृतपाल को लेकर जेल पहुंचा। उसे बठिंडा से अपराह्न करीब दो बजकर 20 मिनट पर डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा लाया गया।

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अधिकारी ने कहा, ‘‘उसे कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष कोठरी में रखा गया है। असम पुलिस के जवानों के साथ पंजाब पुलिस की एक टीम जेल में मौजूद है।’’ असम पुलिस ने अभी तक घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय जेल में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए असम पुलिस के विशिष्ट ब्लैक कैट कमांडो, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।’’ डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल का निर्माण 1859-60 में अंग्रेजों ने 15.54 एकड़ जमीन पर किया था। अधिकारियों ने कहा कि यह सबसे पुरानी और बेहद मजबूत जेल में से एक है। अमृतपाल के अलावा उसके नौ सहयोगी इस समय डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं।

‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) के चार सदस्यों को 19 मार्च को यहां लाए जाने के बाद से जेल परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को रविवार सुबह करीब छह बजकर 45 मिनट पर रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था। चंडीगढ़ में संवाददाता सम्मेलन में पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा।

हिरासत में लिए जाने के दौरान अमृतपाल की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं और इनमें उसे पारंपरिक सफेद लबादा पहने देखा जा सकता है। ऑनलाइन प्रसारित एक वीडियो में अमृतपाल कथित तौर पर एक गुरुद्वारे में लोगों को संबोधित कर रहा है, और कहता है कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है।

अमृतपाल 18 मार्च से फरार था, जब उसके और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू किया था। कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने के लिए कई मामले दर्ज किए गए हैं।

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