बरेली: सांसद ने फोन किया... फिर भी पुलिस मोबाइल लौटाने के लिए मांग रही है 20 हजार, जानिए मामला
विकास के फर्जी अपहरणकांड में जेल भेजे गए जिला पंचायत सदस्य ने रिहा होने के बाद मीरगंज पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
बरेली, अमृत विचार। कई दिन लापता रहने के बाद पिछले दिनों चंदौसी में अपने ताऊ के घर से बरामद हुए मीरगंज के विकास के अपहरण के आरोप में जेल गए भाजपा के जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी ने जमानत पर रिहा होने के बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा है कि उनके आत्मसमर्पण के बाद एक दरोगा ने उनका मोबाइल फोन ले लिया था जिसे लौटाने के लिए अब 20 हजार रुपये मांग रहा है। सांसद और विधायक के फोन करने के बाद भी वह बगैर रिश्वत लिए फोन देने को तैयार नहीं है। एसएसपी ने इंस्पेक्टर मीरगंज को आरोपों की जांच का आदेश दिया है।
नत्थूपुरा गांव में रहने वाले निरंजन यदुवंशी और उनकी पत्नी मंजू के खिलाफ मीरगंज के राजेंद्रनगर में रहने वाले विकास के अपहरण और हत्या की रिपोर्ट उसकी मां की ओर से छह अप्रैल को दर्ज की गई थी। कुछ दिन बाद निरंजन ने आत्मसर्मपण कर दिया था।
पुलिस ने उन्हें 11 अप्रैल को जेल भेजा। हाल ही में जमानत पर रिहा होने के बाद निरंजन ने आरोप लगाया कि जेल जाते समय उन्होंने अपना मोबाइल फोन और नौ हजार कैश दरोगा हेमंत यादव को दिए थे, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद न पैसे वापस किए जा रहे हैं न फोन। दरोगा फोन लौटाने के लिए उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है।
निरंजन यदुवंशी का कहना है कि इस मामले की शिकायत उन्होंने सांसद संतोष गंगवार और विधायक डीसी वर्मा से की थी। इसके बाद सांसद और विधायक ने इंस्पेक्टर मीरगंज हरेंद्र सिंह को फोन कर उनका मोबाइल फोन वापस कराने काे कहा। इंस्पेक्टर ने उन्हें दो दिन में फोन वापस कराने का भरोसा दिलाया था लेकिन इसके बावजूद दरोगा फोन न देने पर अड़ा हुआ है।
निरंजन ने अब मुख्यमंत्री, एडीजी जोन, आईजी रेंज, बरेली पुलिस समेत कई अधिकारियों को ट्वीट कर शिकायत की है। इसे एसएसपी ने रिट्वीट कर इंस्पेक्टर मीरगंज को मामले की जांच का निर्देश दिया है। निरंजन का कहना है कि उनके सैमसंग ए-73 मोबाइल में बहुत से जरूरी कागजात हैं। इसलिए वह बहुत परेशान हैं।
जबरन कागज पर मोबाइल का लिखवाया पासवर्ड
निरंजन का आरोप है कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी दिखाई थी जबकि उन्होंने खुद पत्नी के साथ थाने में आत्मसर्मपण किया था। उस दौरान दरोगा हेमंत ने उनका मोबाइल फोन उनके घर से मंगवाया था, साथ ही उसे खुलवाकर चेक भी किया। उसके बाद जबरन उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड एक कागज पर लिखवाया। उन्हें डर है कि उनके मोबाइल फोन को किसी आपराधिक गतिविधि में न इस्तेमाल किया जाए।
जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी की ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। ऐसा कोई मामला नहीं है। उनका फोन न देने वाली बात गलत है--- हर्ष मोदी, सीओ मीरगंज।
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