सुल्तानपुर : बालक के अपहरण व हत्या के दोषी को उम्रकैद, कोर्ट ने ठोंका 2 लाख 70 हजार रुपए का अर्थदंड

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, सुल्तानपुर । लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के चैकिया गांव में 12 साल पूर्व स्कूल गए आठ वर्षीय बालक की फावड़े से मारकर हत्या करने और सबूत मिटाने के लिए शव अहाते में छिपा देने के मामले में सोमवार को विशेष कोर्ट एससी/एसटी न्यायाधीश नवनीत गिरि ने दोष सिद्ध आरोपी को आजीवन करावास की सजा सुनाई। साथ ही दो लाख 70 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। विशेष लोक अभियोजक गोरखनाथ शुक्ल के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के चैकिया गांव के अनुसूचित जाति के धनीराम का आठ वर्षीय पुत्र विशाल 26 सितंबर 2011 को सुबह 09:30 बजे गांव स्थित प्राइमरी पाठशाला में पढ़ने गया था। स्कूल से घर न लौटने पर परिजनों ने विशाल को खोजना शुरू किया।

खोजबीन करने के दौरान गांव के गुरुचरन, अच्छेलाल व रामसुख ने बताया कि विशाल को गांव का ही अमित कुमार सिंह अपने साथ ले जा रहा था । बाद में विशाल की लाश बरामद हुई थी। आरोप है कि अमित कुमार सिंह ने फावड़े से मारकर विशाल की हत्या कर दी थी और सबूत मिटाने के लिए शव गांव के ही वरुण सिंह के अहाते में छिपा दिया था। पुलिस ने बालक के पिता की तहरीर पर आरोपी अमित कुमार सिंह के खिलाफ अपहरण, हत्या, सबूत मिटाने के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

अभियोजन ने घटना को साबित करने के लिए छह गवाहों को कोर्ट में पेश किया। विचारण के दौरान आरोपी को जमानत नहीं मिली। विश्वजीत सिंह ने बताया कि आरोपी 27 सितंबर 2011 से जेल में निरुद्ध है। सोमवार को स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट नवनीत गिरि ने दोषसिद्ध आरोपी अमित कुमार सिंह को आजीवन कारावास और दो लाख 70 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि में से 50 फीसदी बतौर क्षतिपूर्ति वादी को देने का आदेश भी दिया है।

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