Banda News : भाजपा नेता दीपक सिंह गौर हुए दोषमुक्त, सुनवाई के दौरान घटना से मुकर गये सभी नौ गवाह

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Published By Nitesh Mishra
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बांदा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला।

बांदा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला। सुनवाई के दौरान घटना से सभी नौ गवाह मुकर गये थे। भाजपा नेता दीपक सिंह गौर दोषमुक्त हुए। श्वेता की मां ने कहा तनाव में उसकी बेटी रहती थी।

बांदा, अमृत विचार। जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह की हत्या के आरोपित पति को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया गया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलेश कच्छल की अदालत ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान सभी नौ गवाह घटना से मुकर गये। यहां तक कि श्वेता की मां ने कहा कि मेरी बेटी मानसिक रूप तनाव में रहती थी। इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। घटना के एक वर्ष एक माह बाद मामले का निस्तारण होने से यह घटना शहर में चर्चा का विषय बनी है। 

बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता कपूर सिंह गौर व रामस्वरूप सिंह ने बताया कि कोतवाली नगर में चित्रकूट जिले के शंकर बाजार निवासी ओमकार सिंह ने 28 अप्रैल 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि उसकी बहन श्वेता सिंह के साथ उसके पति दीपक सिंह गौर, ससुर पूर्व डीआइजी राजबहादुर सिंह, सास पुष्पा सिंह, जेठ अधिवक्ता धनंजय सिंह लगातार मारपीट करते थे। बीच-बीच में दीपक सिंह 50 लाख रुपये की मांग भी करते थे साथ ही अनैतिक रूप से बेटा पैदा करने का दबाव बना रहे थे।

वह अपनी मां, मौसी के साथ 26 अप्रैल को बहन के घर गया था, तब दीपक सिंह ने कहा था कि उसके पिता डीआइजी से रिटायर हुए हैं। वह बीजेपी का कद्दावर नेता हैं। वह अपनी पत्नी की हत्या भी कर दें, तो उनके खिलाफ कोई कुछ नहीं कर सकता। इस पर उसने बहनोई को काफी समझाया था। अगले ही दिन बहन का शव बेडरूम में फंदे से लटका मिला।

मामले की रिपोर्ट हत्या व दहेज उत्पीड़न में दर्ज की गई थी। बाद में यह आत्महत्या में तब्दील कर दी गई थी। मामले का आरोप पत्र केवल दीपक सिंह गौर के खिलाफ अदालत में दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान 9 गवाह पेश किए गये, लेकिन सभी घटना से मुकर गए। कहा कि श्वेता ने स्वयं मानसिक तनाव के चलते आत्मघाती कदम उठा लिया था। संदेह का लाभ देते हुए दीपक सिंह गौर को बरी कर दिया गया।

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