दिल्ली दंगे 2020 से संबंधित मामले में सुनाया फैसला, नौ दोषियों को कठोर कारावास की सजा
नई दिल्ली। दिल्ली के एक अदालत ने शहर में 2020 में हुए दंगों से संबंधित मामले में नौ दोषियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि सांप्रदायिक दंगा नागरिकों में बंधुत्व की भावना के लिए गंभीर खतरा है। अदालत ने यह भी कहा कि दोषियों के कृत्यों ने लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा करने, समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालने और देश के सामाजिक ताने-बाने, अर्थव्यवस्था व स्थिरता को गहरी चोट पहुंचाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमचाला ने मंगलवार को मोहम्मद शाहनवाज,मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली परवेज, मोहम्मद फैसल और राशिद को सजा सुनाई। अदालत ने 13 मार्च को नौ आरोपियों को दोषी करार देते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित हुए हैं। न्यायाधीश ने कहा, “सभी दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 436 (आगजनी या विस्फोटक पदार्थ से घर आदि को नष्ट करना) के तहत दंडनीय अपराध के लिए सात साल का कठोर कारावास भुगतना होगा और प्रत्येक दोषी को 20-20 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।”
अदालत ने यह भी कहा कि इन नौ लोगों को एक विशेष समुदाय के लोगों को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से एक गैरकानूनी सभा करने, उनके मन में भय और असुरक्षा पैदा करने और इस मंसूबे के तहत 24 और 25 फरवरी, 2020 की दरमियानी रात चमन पार्क क्षेत्र में शिकायतकर्ता के घर में आग लगाने, तोड़-फोड़, चोरी और हंगामा करने का दोषी पाया गया है।
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