गोंडा: जमीन घोटाले के आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में मौत, दरोगा समेत तीन सस्पेंड
गोंडा, अमृत विचार। जिले के बहुचर्चित जमीन घोटाले से जुड़े एक आरोपी की गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गयी। पुलिस ने उसे सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपी की मौत से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। एसपी ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सिविल लाइन चौकी प्रभारी व दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है।
जिले में फर्जी बैनामा के जरिए दूसरों की जमीनों को हड़पने के खेल का खुलासा पिछले वर्ष नवबंर में हुआ था। पुलिस इस घोटाले के मास्टर माइंड बृजेश अवस्थी समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसी मामले में अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया गया था। राजकुमार लाल पर गैंग लीडर बृजेश अवस्थी व अन्य सदस्यों के साथ मिलीभगत कर फर्जी अभिलेख तैयार करने का आरोप है।
राजकुमार लाल पर नगर कोतवाली में जालसाजी के पांच मुकदमें दर्ज किए गए थे। रविवार को सिविल लाइन चौकी प्रभारी रजनीश द्विवेदी ने अपनी टीम के साथ राजकुमार लाल श्रीवास्तव के गायत्री पुरम स्थित आवास पर छापा मारा था। पुलिस से बचने के लिए राजकुमार लाल ने तेजाब पी लिया था।
उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल और फिर लखनऊ स्थित मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया था। एक दिन इलाज कराने के बाद पुलिस सोमवार को उसे वापस से आयी और कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था, लेकिन जेल पहुंचते ही राजकुमार की तबीयत फिर बिगड़ गई और उसे पुलिस अभिरक्षा में इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां मंगलवार को राजकुमार लाल श्रीवास्तव की मौत हो गयी।
आरोपी की मौत की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज, सीओ सिटी विनय कुमार व नगर कोतवाली पुलिस अस्पताल पहुंची और घटना की जानकारी ली। वहीं पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने इस मामले में सिविल लाइन चौकी प्रभारी रजनीश द्विवेदी व दो सिपाहियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है।

पहले भी एक आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में हो चुकी है मौत
अमृत विचार। जमीन घोटाले से जुुड़े मामले में पुलिस अभिरक्षा के दौरान यह दूसरी मौत है। इसके पहले 13 दिसंबर 2022 को आरोपी सालिकराम सिंह की भी पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गयी थी। तब मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था।
परसपुर के खैरा वृंदावन निवासी सालिकराम सिंह को पुलिस ने 12 दिसंबर को जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। जेल में दाखिल करने के बाद सालिकराम की तबीयत बिगड़ गई थी। पुलिस ने इसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गयी थी। अब राजकुमार लाल श्रीवास्तव की पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत ने पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है।
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