लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर गरजे शिक्षक और कर्मचारी, कहा- जल्द निर्णय करे सरकार

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के आह्वान पर पेंशन बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जुटे कर्मियों ने खुलेआम भाजपा सरकार को चेतावनी दी है। राजधानी के नगर निगम मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है। तो इसका खामियाजा भाजपा सरकार को चुनाव के दौरान भुगतना पड़ेगा।

दरअसल, पुरानी पेंशन बहाली ,निजीकरण व ठेकेदारी प्रथा रोकने ,राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर आज कर्मचारियों ने धरना देकर प्रदर्शन किया। उसके बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया। आज हुआ धरना प्रदर्शन कर्मचारी 11 अप्रैल को ही करने वाले थे, लेकिन उस समय प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रदर्शन टाल दिया गया था।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने भारत सरकार को चेतावनी दी कि इप्सेफ एवं मोर्चा की मांगों पर सरकार ने बैठक करके जल्द निर्णय न किया, तो कर्मचारी अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

धरने को संबोधित करते हुए सुरेश रावत अध्यक्ष, गिरीश मिश्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,महामंत्री अतुल मिश्राराज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, , सतीश पाण्डेय अध्यक्ष राम कुमार धानुक महामंत्री  जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी संघ , राम राज दूबे अध्यक्ष भारत यादव वरिष्ठ उपाध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ उ प्र, अवधेश सिंह अध्यक्ष विकास प्राधिकरण संयुक्त कर्मचारी संगठन  ,राजकीय निगम महासंघ,मनोज कुमार मिश्र, अध्यक्ष  धनश्याम यादव महामंत्री निगम महासंघ,जैदी संरक्षक , कैसर रजा निगम महासंघ, सुभाष श्रीवास्तव अध्यक्ष लखनऊ ने मोर्चा को आश्वासन दिया कि सभी कार्यक्रमों में प्रदेश के लाखों कर्मचारी बढ़ चढ़कर भागीदारी करेंगे।

प्रमुख मांगे 

  1. पुरानी पेंशन की बहाली।
    2. वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करना।
    3. सरकारी संस्थाओं में निजीकरण न किया जाय।
    4. राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन।
    5. आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों की सेवाएं संबंधी नीति बनाई जाए।
    6. स्थानीय निकायो के कर्मचारी संवर्ग का पुनर्गठन किया जाए।
    7. रोडवेज सहित राजकीय निगम के कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता का भुगतान तथा निगमों को सुदृढ़ किया जाए। 

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