लखनऊ : अरुणा शानबाग की पुण्यतिथि पर नर्सों के सुरक्षा की उठी मांग, जानिये 42 साल तक कोमा में रही नर्स की दर्द भरी दास्तान
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में गुरुवार राजकीय नर्सेज संघ ने अरुणा रामचंद्र शानबाग की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान नर्सों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हुई। साथ ही नर्सों की सुरक्षा को लेकर राजकीय नर्सेज संघ ने सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है।
दरअसल, आज ही के दिन यानी की 18 मई को साल 2015 में अरुणा की मौत हो गई थी। अरुणा करीब 42 साल तक अस्पताल में कोमा में थीं। उनको इस हालत में पहुंचाने वाला उनके ही अस्पताल का वार्ड ब्वॉय सोहन लाल वाल्मिकी था। जिसने अरुणा के साथ पहले दुराचार किया और उसके बाद कुत्ते के गले में बांधी जाने वाली चेन से अरुणा का गला कस दिया। जंजीर से गला कस जाने से अरुणा कोमा में चली गई थीं और 42 साल तक जीवन विस्तर पर विताना पड़ा।
राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि नर्सों की सुरक्षा को लेकर सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। जिसमें अस्पतालों से आउटसोर्सिंग और पीपीपी मॉडल व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अरुणा को कोमा तक पहुंचाने वाला शख्स अस्पताल का नियमित कर्मचारी नहीं थी। कर्मचारी नियमित होने से नौकरी जाने का भी भय रहेगा। जिससे गलत कदम उठाने से पहले शख्स विचार जरूर करेगा।
इस अवसर पर सहायक नर्सिंग अधीक्षका प्रेम पति, संध्या दुबे, मिथिलेश, नीलम गुप्ता, तथा स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य बीना सिंह , गीतांशु वर्मा ,अमिता रॉस तथा स्मिता मौर्या समेत सावित्री , सुधा , गीता ,सरला ,गरिमा,रामकान्ति, सीमा उपस्थित रही ।
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