रुद्रपुर: आवारा पशुओं को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने हाईकोर्ट में भेजा पत्र
2018 के निर्देश पर स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया
रुद्रपुर, अमृत विचार। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र में प्रदेश में आवारा पशुओं के लिए हाईकोर्ट की ओर से अगस्त 2018 को दिए एक निर्णय में 31 निर्देशों पर स्वतः संज्ञान लेने का निवेदन किया है। साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने महानिबंधक हाईकोर्ट के माध्यम से भेजे पत्र में कहा है कि उच्च न्यायालय नैनीताल की ओर से उत्तराखंड सरकार को दिए गये 31 निर्देशों का राज्य सरकार किसी भी प्रकार पालन नहीं कर रही है। आए दिन आवारा पशुओं के सड़कों में खड़ा होने से वाहन चालकों के साथ गंभीर दुर्घटनाएं हो रही है। इन दुर्घटनाओं में लोगों की मृत्यु भी हो रही है।
आवारा मवेशियों द्वारा किसानों की फसलें भी चौपट की जा रही है। जिससे किसानों का खेती से मोह भंग हो गया है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने 25 गांव के प्रत्येक समूह के लिए एक गोशाला स्थापित करने और मवेशियों को खुला छोड़ने वाले मालिकों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए थे। लेकिन आज तक एक भी मुकदमा ऐसे लापरवाह मवेशी मालिकों के खिलाफ दर्ज नहीं किया गया और न ही प्रदेश में इन आवारा पशुओं के लिए गोशालायें स्थापित की गई हैं।
उन्होंने बताया कि आदेश में यह भी कहा गया था कि गोशाला एवं आश्रयों में बिजली और पानी की आपूर्ति के लिए कोई भी वाणिज्यिक शुल्क नहीं लगाया जाएगा, परंतु ऐसे भी निर्देशों का पालन नहीं किया गया है और आवारा पशु सार्वजनिक स्थलों पर हर जगह घूमते हुए देखे जा सकते हैं। उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया है कि प्रदेश में गोमांस का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है और प्रदेश सरकार इसे रोकने में नाकाम साबित हुई है।