हाई कोर्ट ने CBI को समीर वानखेड़े के खिलाफ सोमवार तक कठोर कार्रवाई नहीं करने को कहा
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी एवं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर कार्रवाई 22 मई तक नहीं करने का शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया।
वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरूख के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज कॉर्डेलिया से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में नहीं फंसाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी वानखेड़े 2021 में एनसीबी में पदस्थ थे।
अदालत में एक याचिका दायर कर उन्होंने जबरन वसूली और रिश्वत के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था। अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने वानखेड़े के इस शपथपत्र को रिकार्ड में दर्ज करने के बाद आदेश जारी किया कि वह शनिवार को यहां बांद्रा कुर्ला परिसर स्थित सीबीआई दफ्तर में पूर्वाह्न 11 बजे उपस्थित रहेंगे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई 22 मई तक वानखेड़े के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे। सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी।
आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत की साजिश रची। मुंबई में सीबीआई अधिकारियों ने वानखेड़े को बृहस्पतिवार को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।
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