हल्द्वानी: शादीशुदा ने किया नाबालिग से दुष्कर्म, 20 साल सश्रम कारावास

हल्द्वानी: शादीशुदा ने किया नाबालिग से दुष्कर्म, 20 साल सश्रम कारावास

हल्द्वानी, अमृत विचार। शादी का झांसा देर एक शादीशुदा व्यक्ति 15 साल की नाबालिग को लेकर रफूचक्कर हो गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। मामला तब खुला जब काठगोदाम पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर उससे पूछताछ की। इस मामले में तीन साल बाद फैसला आया और अपर सत्र न्यायाधीश, स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह राणा की अदालत ने दोषी को 20 साल सश्रम कारावास के साथ 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। 
 

पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे नवीन चंद्र जोशी, एडीजीसी फौजदारी ने बताया कि 23 जुलाई 2020 को काठगोदाम थाने में 15 साल की नाबालिग के भाई गुमशुदगी का केस दर्ज कराया और कहाकि उसकी बहन पिछले 8 दिनों से लापता है। पुलिस तफ्तीश में सामने आया कि नाबालिग के पड़ोस में रेवड़ीकला मिलक रामपुर उत्तर प्रदेश निवासी मो.आलम पुत्र नूर मोहम्मद रहता था। वो यहां किराए पर रहने वाली अपनी बहन के साथ रहता था।

पुलिस ने 26 जुलाई 2020 को नवाड़खेड़ा से नाबालिग को मो.आलम के पास से बरामद कर लिया। मो.आलम नाबालिग को यह कहकर अपने साथ अपने घर रामपुर ले गया कि वह उससे शादी करेगा। जहां तीन दिन बाद उसने नाबालिग से दुष्कर्म किया। इस मामले में नवीन चंद्र जोशी, एडीजीसी फौजदारी ने 7 गवाह परीक्षित किए।

जिसके आधार पर मो.आलम को दोषी पाया गया। जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश, स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह राणा की अदालत ने धारा 363 के तहत 5 साल की सजा 5 हजार जुर्माना, धारा 366 के तहत 5 की सजा5 हजार रुपए जुर्माना और 3/4 पॉक्सों एक्ट 20 साल का सश्रम कारावास और 10 हजार जुर्माना लगाया। जुर्माने के अलावा दोषी की सभी सजाएं साथ चलेंगी।