डाक विभाग, रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, पांच के खिलाफ मामला दर्ज

डाक विभाग, रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, पांच के खिलाफ मामला दर्ज

ठाणे। डाक विभाग और रेलवे में टिकट निरीक्षक की नौकरी दिलाने का झांसा देकर पांच लोगों ने कथित तौर पर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक व्यक्ति से ढाई लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति एक चौकीदार के तौर पर काम करता था और ठाकुरली का निवासी है। 

अगस्त 2022 में एक रिश्तेदार के जरिए वह एक व्यक्ति और उसकी पत्नी के संपर्क में आया। दोनों मामले के मुख्य आरोपी हैं। दंपत्ति ने शुरू में उसे 2.50 लाख रुपये देने पर सिडको में नौकरी दिलाने और फिर 3.50 लाख रुपये देने पर डाक विभाग में नौकरी दिलाने का वादा किया। पीड़ित ने डाक विभाग में नौकरी के लिए दंपत्ति को 1.70 लाख रुपये दिए। 

प्राथमिकी के अनुसार, दंपति ने बाद में पीड़ित से कहा कि डाक विभाग में उनके लिए नौकरी की व्यवस्था नहीं की जा सकती है, लेकिन अगर वह आठ लाख रुपये दे सकते हैं तो नांदेड़ में उनका दोस्त रेलवे में टिकट निरीक्षक के रूप में नौकरी दिला सकता है, इसके बाद उसने उन्हें 5.46 लाख रुपये दे दिए। हालांकि, भुगतान करने के बाद दंपति गोलमोल जवाब देने लगे। दिसंबर 2022 में उन्हें एक पर्चा (फॉर्म) भरने के लिए कहा गया जिसके बाद उन्हें एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया कि उनका पंजीकरण सफल रहा। 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन के बाद उन्हें रेलवे भर्ती बोर्ड के ‘चीफ पर्सनल ऑफिसर’ के नाम से जारी एक पत्र के साथ ‘व्हाट्सएप’ पर एक संदेश के साथ मिला, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण के लिए जलगांव जिले के भुसावल जाने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा,  जब पीड़ित ने पत्र को सत्यापित करने की कोशिश की, तो यह फर्जी पाया गया। दंपत्ति ने उसे नौकरी पत्र (जॉब लेटर) प्राप्त करने के लिए मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय से संपर्क करने को कहा।

 कुछ दिन बाद उन्हें मध्य रेलव से जनवरी 2023 से नियुक्ति का एक कथित पत्र मिला, जो बाद में नकली निकला। इस बीच, मार्च में उन्हें दंपति ने फर्जी मुहर लगा टिकट निरीक्षक के पद से संबंधित प्रशिक्षण पत्र भेजा। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद व्यक्ति को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखााड़ी हुई है और उसने अपने 7.16 लाख रुपये वापस मांगे, जिसमें से उसे अभी तक 4.66 लाख रुपये मिले। बाकी 2.50 लाख रुपये अभी तक वापस नहीं किए गए। अधिकारी ने बताया कि पुलिस में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसके बाद पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया। 

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