चेचक की रोकथाम के लिए पूर्व में दिया जाने वाला टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रतिरक्षा दे रहा: अध्ययन

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Published By Moazzam Beg
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नई दिल्ली। चेचक की रोकथाम के लिए 1970 के दशक के मध्य तक दिये जाने वाले टीके से मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रतिरक्षा मिल रहा है। स्वीडन में किये गये एक अध्ययन में यह जानकारी मिली। पिछले साल मंकीपॉक्स के प्रसार होने पर अब तक इसके 85,000 से अधिक मामले सामने आये हैं। अफ्रीका के बाहर पहली बार गत वर्ष इस वायरस का प्रसार हुआ था। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इसके ज्यादातर मामले पुरुषों के आपस में यौन संबंध बनाने से संबद्ध हैं। 

मंकीपॉक्स के वायरस को ‘ओर्थोपॉक्स’ वायरस के रूप में जाना जाता है और यह 1970 के दशक के मध्य तक चेचक के कारक रहे वायरस के जैसा है। चेचक के पुराने टीके से मंकीपॉक्स से रक्षा के बारे में आंकड़ों से संकेत मिलने के बाद, स्वीडन स्थित कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि मंकीपॉक्स के खिलाफ दशकों पहले जिन लोगों का टीकाकरण किया गया था, उनमें चेचक के प्रति भी कुछ प्रतिरक्षा है। अध्ययन के लेखक मारकस बगर्ट ने कहा, हमारे अध्ययन से प्रदर्शित होता है कि मेमोरी कोशिकाएं बहुत लंबे समय तक जीवित रहती हैं और इसलिए वे मंकीपॉक्स जैसे करीबी रूप से संबद्ध वायरस की पहचान कर सकती हैं तथा प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं।

 अध्ययन में 105 स्वस्थ रक्तदाताओं में ‘टी-सेल’ का विश्लेषण करने से यह प्रदर्शित हुआ कि 1976 से पहले जन्मे व्यक्तियों में दोनों वायरस के खिलाफ काफी मजबूत प्रतिरक्षा मौजूद है। यह अध्ययन सेल होस्ट एंड माइक्रोब नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। हालांकि, मौजूदा अध्ययन यह निर्धारित करने के लिए बहुत छोटे पैमाने का है कि चेचक के पूर्ववर्ती टीकाकरण से कितनी प्रतिरक्षा मिली थी, लेकिन बगर्ट ने हाल में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन का हवाला दिया। उसमें 2022 में पुरुषों के एक समूह में चेचक के टीके की प्रभावकारिता की पड़ताल की गई थी। उन्होंने कहा, यह अध्ययन प्रदर्शित करता है कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ करीब 80 प्रतिशत सुरक्षा मुहैया कर सकता है।

 उल्लेखनीय है कि मंकीपॉक्स वायरस से होने वाला संक्रमण है जिसका प्रसार संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क से होता है। यौन संबंध इसके प्रसार का अत्यधिक खतरा पैदा करता है। स्वीडन में चेचक का टीकाकरण कार्यक्रम 19वीं सदी की शुरूआत में शुरू हुआ था और इस रोग के उन्मूलन के बाद 1976 में यह अभियान बंद कर दिया गया। मंकीपॉक्स के खिलाफ अभी दिया जाना वाला टीका असल में चेचक का टीका है। 

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