
बरेली: नई व्यवस्था में फंसा भुगतान, 3500 में से सिर्फ 13 किसानों तक पहुंची धनराशि
एनएचएआई के भूमि राशि पोर्टल की दुश्वारियों से विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी हुए हलकान
बरेली, अमृत विचार। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फोरलेन हाईवे निर्माण करने के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के एवज में किसानों को क्षतिपूर्ति धनराशि भुगतान करने की व्यवस्था में जो बदलाव किया है, उससे विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उन्हें करोड़ों के लेनदेन में पोर्टल के जरिए किसानों को भुगतान करने में गलत खाते में राशि जाने का डर ज्यादा सता रहा है। कुछ दिन पहले 11 किसानों के खाते में धनराशि भेजी गई, लेकिन कई दिन गुजरने के बाद अभी तक धनराशि नहीं पहुंची है। एनएचएआई के दिल्ली मुख्यालय तक भूमि राशि पोर्टल के धीमी गति से चलने की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन समस्या हल नहीं हो रही है।
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे काे चौड़ा करके फोरलेन बनाने के लिए बरेली और पीलीभीत जनपद के 42 गांवों की भूमि अधिग्रहीत की गई है। इसमें करीब 3500 से अधिक किसानों को क्षतिपूर्ति धनराशि का भुगतान अब कोषागार से न बराकर एनएचएआई के भूमि राशि पोर्टल के जरिए किसानों को किया जाना है। पिछले कुछ दिनों से कलेक्ट्रेट स्थित विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी किसानों को धनराशि का भूमि राशि पोर्टल से करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि अब तक महज 13 किसानों को ही इस पोर्टल से भुगतान कर सके हैं। 11 अन्य किसानों के खातों में रकम भेजी गई थी, लेकिन भूमि राशि पोर्टल के जरिए किसानों के खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। इस वजह से किसान परेशान हैं। यहां कार्यालय में आकर किसान भुगतान न पहुंचने की कई बार शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से भुगतान किसानों के खाते में नहीं पहुंचने की शिकायत की है।
कर्मचारियों ने बताया कि भूमि राशि पाेर्टल कई दिनों से दिक्कत दे रहा है, इस वजह से और किसानों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। पहले कोषागार के जरिए किसानों को भुगतान करते थे, तब दिक्कत नहीं आती थी, लेकिन इस नई व्यवस्था से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में महज तीन कर्मचारी ही तैनात हैं, जबकि वर्तमान में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहीत कर उनका भुगतान किसानों को किया जाना है। इसमें गंगा एक्सप्रेस, रिंग रोड, पीलीभीत से शाहजहांपुर के बीच हाईवे निर्माण के प्राेजेक्ट भी यहीं से देखे जा रहे हैं।
यह है फोरलेन की तस्वीर
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज तक करीब 71 किलोमीटर की सड़क फोरलेन बनेगी। इसमें 2857 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हाेगी। इसकी मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इसमें बरेली जिले में हाईवे का 27.750, पीलीभीत में 30.650 और ऊधमसिंह नगर में जनपद में सितारगंज क्षेत्र में 12.40 किलोमीटर हिस्सा शामिल है जो फोरलेन बनेगा।
1 अप्रैल से एनएचएआई के प्रोजेक्टों में भूमि अधिग्रहीत कर किसानों को भूमि राशि पोर्टल के जरिए ही भुगतान कराया जा रहा है। पोर्टल में वैसे दिक्कत नहीं आती है। बरेली-सितारगंज हाईवे को चौड़ा कर फोरलेन बनाने के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि का भुगतान भी इसी पोर्टल के जरिए किसानों को कराया जा रहा है---बीपी पाठक, परियोजना निदेशक एनएचएआई।
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